सब्जी बेचकर मां ने बेटे को बनाया फुटबाॅलर, अब फीफा में मचाएगा धूम

Edited By Punjab Kesari,Updated: 03 Oct, 2017 03:37 PM

struggling story of footballer jackson singhs mother

दो साल पहले पिता की नौकरी जाने के बाद परिवार का गुजारा मां ने सब्जी बेचकर किया लेकिन इतने कठिन हालात...

नई दिल्लीः दो साल पहले पिता की नौकरी जाने के बाद परिवार का गुजारा मां ने सब्जी बेचकर किया लेकिन इतने कठिन हालात में भी जैकसन सिंह का फुटबाल को लेकर जुनून कम नहीं हुआ और अब यह मिडफील्डर फीफा अंडर 17 विश्व कप में भारतीय टीम का हिस्सा है। भारत की 21 सदस्यीय टीम के सदस्य जैकसन मणिपुर के थोउबल जिले के हाओखा ममांग गांव के हैं । उनके पिता कोंथुआजम देबेन सिंह को 2015 में पक्षाघात हुआ और उन्हें मणिपुर पुलिस की अपनी नौकरी छोडऩी पड़ी । उनके परिवार का खर्च मां इम्फाल के ख्वैरामबंद बाजार में सब्जी बेचकर चलाती है जो घर से 25 किलोमीटर दूर है ।  

जैकसन ने कहा ,‘‘ जब मैं 2010 में घर से चंडीगढ आया तब सब कुछ ठीक था । लेकिन मेरे पिता को 2015 में पक्षाघात आया और अब वह आजीविका कमाने की स्थिति में नहीं है ।मेरी मां और नानी इम्फाल में सब्जी बेचती है और इसी से हमारा घर चलता है ।’  उसने कहा ,‘‘ मैं बचपन से भारत के लिये खेलने का सपना देखता आया हूं और मेरी जिंदगी बदल गई है । मैं विश्व कप में भारत की जर्सी पहनने को बेताब हूं हालांकि परिवार की स्थिति को लेकर भी चिंतित हूं ।’’  

जैकसन के बड़े भाई जोनिचंद सिंह कोलकाता प्रीमियर लीग में पीयरलेस क्लब के लिये खेलते हैं लेकिन उनकी आय से परिवार की दशा में ज्यादा सुधार नहीं आया है।  जैकसन को खराब माली हालात के अलावा 2015 में चयनकर्ताओं की उपेक्षा भी झेलनी पड़ी जब वह चंडीगढ में अकादमी में थे। इसके बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अंडर 17 विश्व कप के लिए टीम में जगह बनाई। पहले चंडीगढ फुटबाल अकादमी के साथ खेलने वाले जैकसन बाद में मिनर्वा से जुड़े और राष्ट्रीय अंडर 15 तथा अंडर 16 खिताब जीतने वाली टीम की कप्तानी की।
 

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