जो कंपनी बनी टीम इंडिया की स्पॉन्सर उसके साथ हो गया गजब का खेल, ये मात्र संयोग या कुछ और

Edited By Updated: 22 Aug, 2025 07:08 PM

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टीम इंडिया की जर्सी पर टाइटल स्पॉन्सर बनना किसी भी कंपनी के लिए गर्व और पहचान की बात मानी जाती है। जर्सी पर बड़े-बड़े अक्षरों में कंपनी का नाम लिखे जाने के लिए बीसीसीआई (BCCI) करोड़ों रुपये चार्ज करता है। लेकिन यह एक अजीब संयोग रहा है कि जिन-जिन...

नेशनल डेस्क : टीम इंडिया की जर्सी पर टाइटल स्पॉन्सर बनना किसी भी कंपनी के लिए गर्व और पहचान की बात मानी जाती है। जर्सी पर बड़े-बड़े अक्षरों में कंपनी का नाम लिखे जाने के लिए बीसीसीआई (BCCI) करोड़ों रुपये चार्ज करता है। लेकिन यह एक अजीब संयोग रहा है कि जिन-जिन कंपनियों का नाम भारतीय क्रिकेट टीम की जर्सी पर दर्ज हुआ, उन्हें कुछ समय बाद मुश्किलों का सामना करना पड़ा। अब इस सूची में नया नाम ड्रीम11 (Dream11) का जुड़ गया है, जो नए ऑनलाइन गेमिंग विधेयक (Online Gaming Bill) की जद में आ गया है।

ड्रीम11 पर ऑनलाइन गेमिंग बिल की मार
नया ऑनलाइन गेमिंग बिल राज्यसभा से पारित हो चुका है और राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद यह एक विधिक कानून बन जाएगा। इस कानून का सबसे बड़ा असर ड्रीम11 पर देखने को मिल सकता है, जिसे भारत में अपने ऑपरेशंस समेटने पड़ सकते हैं। ऐसे में अब माना जा रहा है कि ड्रीम11 का नाम टीम इंडिया की जर्सी से हटाया जा सकता है।

पहले भी कई स्पॉन्सर कंपनियों का हुआ बुरा हाल

सहारा
साल 2000 से लेकर 2013 तक सहारा ने भारतीय क्रिकेट टीम की टाइटल स्पॉन्सरशिप संभाली। सहारा की जर्सी पहने हुए भारत ने 2003 वर्ल्ड कप फाइनल खेला, 2007 टी20 वर्ल्ड कप और 2011 वनडे वर्ल्ड कप जीता। मगर इतने शानदार दौर के बावजूद सहारा ग्रुप का ग्राफ नीचे जाने लगा और वह आर्थिक संकटों में घिर गया।

स्टार इंडिया
2014 से 2017 तक भारतीय टीम की जर्सी पर 'Star' नाम चमकता रहा। इस दौरान विराट कोहली ने टेस्ट टीम की कप्तानी संभाली और टीम का प्रदर्शन शानदार रहा। लेकिन स्टार इंडिया की मूल कंपनी वॉल्ट डिज्नी पर बाज़ार में दबदबे के दुरुपयोग का आरोप लगा। इसके बाद स्टार को रिलायंस जियो जैसी कंपनियों से गठजोड़ करना पड़ा और उसकी स्वतंत्र स्थिति कमजोर हो गई।

ओप्पो
चीनी मोबाइल कंपनी ओप्पो ने 2017 में बीसीसीआई के साथ 1,079 करोड़ रुपये की भारी-भरकम डील साइन की थी। लेकिन कंपनी को जल्द ही नुकसान उठाना पड़ा और उसे यह करार बीच में ही खत्म करना पड़ा। ओप्पो के लिए स्पॉन्सरशिप का बोझ उठाना मुश्किल हो गया था, और उसकी साझेदारी 2020 में समाप्त हो गई।

बायजू
शिक्षा टेक्नोलॉजी कंपनी बायजू ने टीम इंडिया की जर्सी पर दो साल तक अपना नाम चमकाया। एक समय कंपनी की वैल्यू 22 अरब डॉलर थी, लेकिन जल्द ही इसके बुरे दिन शुरू हो गए। बायजू की आर्थिक स्थिति इतनी खराब हो गई कि बीसीसीआई को बकाया राशि वसूलने के लिए कानूनी रास्ता अपनाना पड़ा। कंपनी की वैल्यू अरबों से गिरकर शून्य के करीब पहुंच गई।

अब ड्रीम11 की बारी?
ड्रीम11, जो पिछले कुछ वर्षों से भारतीय क्रिकेट टीम की जर्सी का हिस्सा रही है, अब नए ऑनलाइन गेमिंग कानून की चपेट में आ गई है। कंपनी पर पहले भी जीएसटी चोरी के आरोप लग चुके हैं। अब इस नए विधेयक के लागू होने के बाद, संभावना जताई जा रही है कि ड्रीम11 को भारत में अपने संचालन बंद करने पड़ सकते हैं।

क्या यह एक संयोग है?
सवाल यह है कि क्या यह महज संयोग है कि जिन कंपनियों ने टीम इंडिया की जर्सी पर जगह पाई, उन्हें बाद में वित्तीय या कानूनी संकटों का सामना करना पड़ा? सहारा से लेकर ड्रीम11 तक, यह सूची लगातार लंबी होती जा रही है।

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