परिधान निर्यातकों को एमएसएमई क्षेत्र के समान मानकर प्रोत्साहन दिया जाए: एईपीसी

Edited By PTI News Agency,Updated: 18 May, 2020 05:02 PM

pti state story

नयी दिल्ली, 18 मई (भाषा) कोविड-19 महामारी से बुरी तरह प्रभावित परिधान निर्यात क्षेत्र ने सोमवार को सरकार से आग्रह किया कि श्रमिक केन्द्रित इस क्षेत्र को भी सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र के समान ही माना जाना चाहिये और उसे भी...

नयी दिल्ली, 18 मई (भाषा) कोविड-19 महामारी से बुरी तरह प्रभावित परिधान निर्यात क्षेत्र ने सोमवार को सरकार से आग्रह किया कि श्रमिक केन्द्रित इस क्षेत्र को भी सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र के समान ही माना जाना चाहिये और उसे भी भविष्य निधि कोष तथा बिना गारंटी के कार्यशील पूंजी उपलब्ध कराये जाने का लाभ मिलना चाहिये।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भेजे एक पत्र में परिधान निर्यात संवर्धन परिषद (एईपीसी) के चेयरमैन ए शक्तिवेल ने कहा कि परिधान निर्यात क्षेत्र निर्यात बिलों का भुगतान नहीं होने और कई आर्डर निरस्त हो जाने की वजह से इस समय भारी नुकसान झेल रहा है।
शक्तिवेल ने कहा, ‘‘हमारी निवेदन है कि परिधान निर्यात उद्योग को भी एमएसएमई क्षेत्र के समान ही माना जाना चाहिये, क्षेत्र 4 से 5 प्रतिशत के मामूली मार्जिन पर ही काम करता है।’’ उन्होंने कहा कि कई देशों में लॉकडाउन के चलते घरेलू निर्यातकों के गोदामों में काफी माल जमा हो रखा है। उन्होंने कहा कि परिधान निर्यातक क्षेत्र देश का एक बड़ा नियोक्ता उद्योग है जिसमें करीब 1.29 करोड़ लोगों को सीधे रोजगार मिला हुआ है।
शक्तिवेल ने कहा कि भविष्य निधि कोष (ईपीएफ) से जुड़ा लाभ परिधान निर्यात क्षेत्र को भी दिया जाना चाहिये। इसमें कर्मचारियों की संख्या के मामले में छूट दी जानी चाहिये ताकि विशेष तौर से परिधान निर्यातक इकाइयों को इस योजना का लाभ मिल सके। इन इकाइयों में बड़ी संख्या में महिलायें काम करती है और यह क्षेत्र श्रमिक केन्द्रित है।
उन्होंने कहा, ‘‘बड़ी संख्या में हमारे निर्यातकों ने वायदा अनुबंध बुक किये जिसमें उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ा। ऐसे में हमारा मानना है कि इस प्रकार के अनुबंध में शामिल धन को कार्यशील पूंजी के तौर पर सावधि रिण में परिवर्तित कर देना चाहिये जिसका भुगतान तीन साल के दौरान छह प्रतिशत ब्याज दर के साथ करने की सुविधा मिलनी चाहिये।’’
शक्तिवेल ने कहा कि सभी एमएसएमई को बिना किसी गारंटी के अतिरिक्त कार्यशील पूंजी उपलब्ध कराये जाने की सुविधा सभी परिधान निर्यातकों को भी उपलब्ध कराई जानी चाहिये। इस मामले में उन्हें इकाई के आकार संबंधी शर्त से छूट मिलनी चाहिये।
उन्होंने यह भी कहा कि चिकित्सा और सर्जिकल मास्क से हटकर अन्य सभी तरह के मास्क का निर्यात करने की अनुमति देने से मास्क का उत्पादन और निर्यात बढ़ाने में मदद मिलेगी।



यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!