Edited By PTI News Agency,Updated: 24 Jun, 2020 08:47 PM
नयी दिल्ली, 24 जून (भाषा) सरकार ने बुधवार को कहा कि अब सभी शहरी सहकारी बैंक और बहु- राज्यीय सहकारी बैंकों को रिजर्व बैंक की देख रेख के तहत काम करेंगे। इस कदम का मकसद देश में पीएमसी बैंक जैसे घाटोले रोकना और सहकारी बैंकों के ग्राहकों को भरोसा...
नयी दिल्ली, 24 जून (भाषा) सरकार ने बुधवार को कहा कि अब सभी शहरी सहकारी बैंक और बहु- राज्यीय सहकारी बैंकों को रिजर्व बैंक की देख रेख के तहत काम करेंगे। इस कदम का मकसद देश में पीएमसी बैंक जैसे घाटोले रोकना और सहकारी बैंकों के ग्राहकों को भरोसा देना है।
केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं को जानकारी देते हुये सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि इस संबंध में राष्ट्रपति एक अध्यादेश जारी करेंगे।
जावड़ेकर ने सरकार के इस फैसले को एतिहासिक बताते हुये कहा कि देश के 1,540 शहरी सहकारी बैंक और बहु- राज्यीय सहकारी बैंक अब रिजर्व बैंक की निरीक्षण प्रक्रिया के तहत आ जायेंगे। यह प्रक्रिया अब तक अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के मामले में ही अपनाई जाती रही है।
जावड़ेकर ने कहा, ‘‘इस फैसले से सहकारी बैंकों के जमाकर्ताओं को भरोसा होग कि उनका पैसा सुरक्षित है।’’
देश में कुल मिलाकर 1,482 शहरी सहकारी बैंक और 58 के करीब बहु- राज्यीय सहकारी बैंक है जिनसे 8.6 करोड़ ग्राहक जुड़े हुये हैं। इन बैंकों में करीब 4.85 लाख करोड़ रुपये की पूंजी जमा है।
सरकार का यह कदम इस लिहाज से काफी अहम है कि पिछले कुछ समय में कई सहकारी बैंकों में घोटाले सामने आये हैं और इससे बैंक के जमाकर्ताओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा है। पंजाब एण्ड महाराष्ट्र सहकारी बैंक (पीएमसी बैंक) घोटोले का मामला हाल में काफी चर्चा में रहा। घोटाला सामने आने के बाद बैंक के कामकाज पर रोक लग जाने से ग्राहकों को काफी परेशानी उठानी पड़ी।
पीएमसी बैंक में वित्तीय अनियमिततायें सामने आने के बाद रिजर्व बेंक ने 23 सितंबर 2019 को बैंक पर नियामकीय अंकुश लगा दिये थे। रिजर्व बैंक ने इस महीने की शुरुआत में भी पीपुल्स सहकारी बैंक, कानपुर पर भी निकासी से जुड़े प्रतिबंध लगा दिये।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 3 मार्च 2020 को लोकसभा में ‘‘बैंकिंग नियमन (संशोधन) विध्शेयक 2020’’ पेश किया था। यह अभी लंबित है। इस संशोधन विधेयक के जरिये रिजर्व बैंक कि बैंकिंग नियमक दिशानिर्देशों को सहकारी बैंकों पर भी लागू किया जायेगा।
सीतारमण ने एक फरवरी 2020 को पेश बजट भाषण में भी इसका जिक्र किया था।
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