व्यक्तिगत आयकर रिटर्न दाखिल करने की समय-सीमा 31 दिसंबर तक बढ़ायी गयी

Edited By PTI News Agency,Updated: 24 Oct, 2020 06:15 PM

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नयी दिल्ली, 24 अक्टूबर (भाषा) व्यक्तिगत करदाताओं के लिये वित्त वर्ष 2019-20 का आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने की समय-सीमा एक महीने बढ़ाकर 31 दिसंबर कर दी गयी है। वित्त मंत्रालय ने शनिवार को इसकी घोषणा की।

नयी दिल्ली, 24 अक्टूबर (भाषा) व्यक्तिगत करदाताओं के लिये वित्त वर्ष 2019-20 का आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने की समय-सीमा एक महीने बढ़ाकर 31 दिसंबर कर दी गयी है। वित्त मंत्रालय ने शनिवार को इसकी घोषणा की।

मंत्रालय ने कहा कि जिन करदाताओं के खाताओं की ऑडिट करने की जरूरत है, उनके लिये आईटीआर दाखिल करने की समय-सीमा दो महीने बढ़ाकर 31 जनवरी 2021 कर दी गयी है।

सरकार ने कोरोना वायरस महामारी के चलते इससे पहले मई में भी करदाताओं को अनुपालन में राहत देते हुए वित्त वर्ष 2019-20 के आईटीआर भरने की समय-सीमा 31 जुलाई से बढ़ाकर 30 नवंबर कर दी थी।

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने एक बयान में कहा, ‘‘जिन करदाताओं के लिये आयकर रिटर्न भरने की समय-सीमा विस्तार से पहले 31 जुलाई 2020 थी, उनके लिये समय-सीमा 31 दिसंबर 2020 तक बढ़ा दी गयी है।’’
इसी तरह जिन करदाताओं (उनके पार्टनरों समेत) के खाताओं की ऑडिट किये जाने की जरूरत है और जिनकी समयसीमा पहले 31 अक्टूबर 2020 थी, वे अब 31 जनवरी 2021 तक आईटीआर भर सकते हैं।

सीबीडीटी ने कहा कि करदाताओं को आईटीआर भरने में अधिक समय देने के लिये समय-सीमा बढ़ायी गयी है।

इसके अलावा, जिन करदाताओं को अंतरराष्ट्रीय/विनिर्दिष्ट घरेलू लेन-देन की सूचना भरने की जरूरत है, उनके लिये ये रिपोर्ट जमा कराने का समय 31 जनवरी 2021 तक के लिये बढ़ा दिया गया है।

सीबीडीटी ने कहा, ‘‘अधिनियम के तहत विभिन्न ऑडिट रिपोर्ट प्रस्तुत करने की तारीख, जिसमें अंतरराष्ट्रीय ऑडिट या विशिष्ट घरेलू लेनदेन के संबंध में टैक्स ऑडिट रिपोर्ट आदि शामिल है, 31 दिसंबर 2020 तक बढ़ा दी गयी है।’’
इन सब के साथ ही स्व-मूल्यांकन कर के भुगतान के मामले में छोटे और मध्यम वर्ग के करदाताओं को राहत देने के लिये भुगतान की नियत तिथियां बढ़ा दी गयी हैं।

सीबीडीटी ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण करदाताओं को हो रही दिक्कतों को देखते हुए आयकर रिटर्न भरने के लिये समयसीमा बढ़ा दी गयी है।

नंगिया एंड कंपनी के एलएलपी पार्टनर शैलेश कुमार ने कहा कि टैक्स ऑडिट रिपोर्ट, ट्रांसफर प्राइसिंग सर्टिफिकेट और आईटीआर दाखिल करने के लिए नियत तारीखों को बढ़ाने की बहुप्रतीक्षित घोषणा आखिरकार सरकार ने कर दी है। जिन करदाताओं ने अभी अपनी पूरी कर देनदारी का भुगतान नहीं किया है और उन्हें एक लाख रुपये से अधिक के स्व मूल्यांकन कर का भुगतान करने की जरूरत है, उन्हें आईटीआर पर ब्याज भरने से बचने के लिये सतर्क रहना होगा तथा मूल समयसीमा से पहले भुगतान करना होगा।

इस बीच सरकार ने अलग से शनिवार को एक आलग घोषणा में वित्त वर्ष 2018-19 के लिये जीएसटी वार्षिक रिटर्न प्रस्तुत करने की नियत तारीख दो महीने बढ़ाकर 31 दिसंबर कर दी।



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