सीबीआई ने अवैध तरीके से डेटा एकत्रित करने के मामले में कैम्ब्रिज एनालिटिका पर मामला दर्ज किया

Edited By PTI News Agency,Updated: 25 Jan, 2021 03:25 PM

pti state story

नयी दिल्ली, 22 जनवरी (भाषा) सीबीआई ने 18 महीने की शुरुआती जांच के बाद ब्रिटेन स्थित कैम्ब्रिज एनालिटिका और ग्लोबल साइंस रिसर्च (जीएसआर) के खिलाफ भारत में 5.62 लाख फेसबुक उपयोगकर्ताओं का डेटा चुनावों में हेरफेर करने तथा फायदा उठाने की खातिर...

नयी दिल्ली, 22 जनवरी (भाषा) सीबीआई ने 18 महीने की शुरुआती जांच के बाद ब्रिटेन स्थित कैम्ब्रिज एनालिटिका और ग्लोबल साइंस रिसर्च (जीएसआर) के खिलाफ भारत में 5.62 लाख फेसबुक उपयोगकर्ताओं का डेटा चुनावों में हेरफेर करने तथा फायदा उठाने की खातिर गैरकानूनी तरीके से एकत्रित करने के आरोप में मामला दर्ज किया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

एजेंसी ने कैम्ब्रिज एनालिटिका और एलेक्जेंडर कोगन की ग्लोबल सांइस रिसर्च के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की आपराधिक षड्यंत्र से संबंधित धाराओं तथा सूचना प्रौद्योगिकी कानून के उल्लंघन करने और कंप्यूटर स्रोत चुराने तथा एकत्रित निजी डेटा को संभालने में लापरवाही बरतने का मामला दर्ज किया है।

इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने चुनावों को प्रभावित करने के लिए अवैध तरीके से डेटा एकत्रित करने की खबरों के आधार पर 25 जुलाई 2018 को सीबीआई को शिकायत भेजी थी जिसके आधार पर एजेंसी ने मामले में प्रारंभिक जांच शुरू की।

आरोप है कि जीएसआर के कोगन ने ‘दिस इज योर डिजिटल लाइफ’ नाम से ऐप बनाया था और इसे फेसबुक ने 2014 में अपने उपयोगकर्ताओं के विशेष डेटासेट का शोध एवं अकादमिक उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल करने का अधिकार दिया था।

प्राथमिकी में आरोप है कि कंपनी ने न केवल 335 उपयोगकर्ताओं के अतिरिक्त डेटा को एकत्रित किया बल्कि फेसबुक पर उनके दोस्तों के नेटवर्क से भी उनके बारे में जानकारी जुटाई और उनकी अनुमति के बगैर डेटा लिया।

शिकायत के मुताबिक यह डेटा कथित तौर पर कैम्ब्रिज एनालिटिका को व्यावसायिक लाभ पहुंचाने के लिए बेचा गया जिसने भारत में चुनावों को प्रभावित करने तथा उपयोगकर्ताओं की प्रोफाइलिंग करने के लिए इसका इस्तेमाल किया।

इस ऐप पर भारत में 335 उपयोगकर्ताओं ने पंजीकरण करवाया था लेकिन कंपनी ने उनके मित्रों के नेटवर्क के जरिए फेसबुक के 5.62 लाख सदस्यों का डेटा भी जुटा लिया। यह जानकारी फेसबुक ने मंत्रालय को दिए जवाब में बताई थी।

कैम्ब्रिज एनालिटिका ने मंत्रालय को दिए जवाब में कहा था कि उसे जीएसआर से केवल अमेरिका के उपयोगकर्ताओं का डेटा ही मिला है।
शिकायत में आरोप है कि कंपनी ने अन्य प्रश्नों का उत्तर नहीं दिया।

जांच के दौरान सीबीआई ने जीएसआर की एप के 335 भारतीय उपयोगकर्ताओं से संपर्क साधा जिनमें से महज छह ने ही जवाब दिया।

प्राथमिकी के मुताबिक उन सभी ने एजेंसी को बताया कि उन्हें यह नहीं पता था कि उनके और उनके दोस्तों के निजी डेटा को एकत्रित किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि उन्हें इस बारे में पता होता तो वे एप का इस्तेमाल नहीं करते।

प्राथमिकी के अनुसार करीब 18 महीने की सीबीआई पड़ताल के बाद प्रथमदृष्टया साबित हुआ कि ग्लोबल साइंस रिसर्च लिमिटेड, ब्रिटेन ने बेईमानी और धोखाधड़ी से फेसबुक के उपयोगकर्ताओं की सहमति के बिना उनका डेटा एकत्रित किया जिसमें उनकी निजी बातचीत, उनके द्वारा देखे गए पेजों का विवरण और जन सांख्यिकीय जानकारी आदि शामिल हैं।

जांच में यह भी पता चला कि जीएसआर ने कैम्ब्रिज ऐनालिटिका को गैरकानूनी तरीके से व्यावसायिक लाभ के लिए डेटा का इस्तेमाल करने के अधिकार दिए थे।



यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!