Edited By PTI News Agency,Updated: 07 May, 2021 04:58 PM
नयी दिल्ली, सात मई (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने निजी इस्तेमाल के लिए उपहार के तौर पर आयात किए गए ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर पर एकीकृत वस्तु एवं सेवा कर (आईजीएसटी) लगाए जाने के खिलाफ दायर की गयी एक याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा है।
नयी दिल्ली, सात मई (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने निजी इस्तेमाल के लिए उपहार के तौर पर आयात किए गए ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर पर एकीकृत वस्तु एवं सेवा कर (आईजीएसटी) लगाए जाने के खिलाफ दायर की गयी एक याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा है।
न्यायमूर्ति राजीव शकधर और न्यायमूर्ति तलवंत सिंह की पीठ ने याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी किया और मामले में अदालत की मदद करने के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद दतार को न्यायमित्र नियुक्त किया।
अदालत ने अंतरिम आदेश में सीमा शुल्क अधिकारियों को 85 वर्षीय याचिकाकर्ता द्वारा आयात किया जा रहा ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर छोड़ने का निर्देश दिया और कहा कि याचिकाकर्ता को इसके लिए अदालत में आईजीएसटी के बराबर की राशि जमा करनी होगी।
अदालत ने मामले में अगली सुनवाई 18 मई के लिए सूचीबद्ध कर दी।
कोविड-19 से पीड़ित वरिष्ठ नागरिक ने अपनी याचिका में कहा कि उनकी हालत में सुधार लाने के उद्देश्य से उनके भतीजे ने अमेरिकी से उनके लिए उपहार के तौर पर एक ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर भेजा।
याचिकाकर्ता ने निजी इस्तेमाल के लिए ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर के आयात पर आईजीएसटी लगाने को चुनौती दी क्योंकि देश में महामारी के दौरान पहले से ही इस आवश्यक उपकरण की कमी है।
उन्होंने वित्त मंत्रालय द्वारा एक मई को जारी की गयी उस अधिसूचना को चुनौती दी है जिसके अनुसार निजी इस्तेमाल के लिए आयातित किए गए इस तरह के ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर पर 12 प्रतिशत आईजीएसटी लगाया जाएगा, चाहे वह उपहार हो या कुछ और।
याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता सुधीर नंद्रजोग ने इससे पहले कहा था कि मंत्रालय ने तीन मई को जारी की गयी एक और अधिसूचना में कहा था कि अगर कोई इसे दान के लिए दे रहा है तो उसपर आईजीएसटी नहीं लगेगा।
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