Edited By PTI News Agency,Updated: 19 Jul, 2021 04:40 PM
नयी दिल्ली, 19 जुलाई (भाषा) राज्यसभा में सोमवार को विभिन्न दलों ने नौवहन के क्षेत्र के बेहतर प्रबंधन के लिए कानून सहित विभिन्न उपाय किए जाने की आवश्यकता पर बल दिया तथा लाइट हाउस का उपयोग कर पर्यटन को बढ़ावा देने की पहल का स्वागत किया।
नयी दिल्ली, 19 जुलाई (भाषा) राज्यसभा में सोमवार को विभिन्न दलों ने नौवहन के क्षेत्र के बेहतर प्रबंधन के लिए कानून सहित विभिन्न उपाय किए जाने की आवश्यकता पर बल दिया तथा लाइट हाउस का उपयोग कर पर्यटन को बढ़ावा देने की पहल का स्वागत किया।
उच्च सदन में सदस्यों ने नौचालन के लिए सामुद्रिक सहायता विधेयक पर हुई चर्चा में भाग लेते हुए यह बात कही। विधेयक पर चर्चा के दौरान सदन में तृणमूल कांग्रेस सहित विपक्ष के कई सदस्य विभिन्न मुद्दों पर हंगामा कर रहे थे और कई सदस्य आसन के समक्ष आकर नारेबाजी भी कर रहे थे।
हंगामे के बीच इस विधेयक को चर्चा एवं पारित कराने के लिए रखते हुए नौवहन, बंदरगाह एवं जलमार्ग मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने कहा कि इस विधेयक में नौवहन क्षेत्र के विकास के लिए कई प्रावधान किए गये हैं। उन्होंने कहा कि पुराने लाइट हाउस कानून में सहायता के समुचित प्रावधान नहीं थे जिन्हें वर्तमान विधेयक में शामिल किया गया है।
इस विधेयक में समुद्री नौवहन के क्षेत्र में प्रौद्योगिकी बदलाव को ध्यान में रखते हुए पोत यातायात सेवाओं के लिये नया ढांचा तैयार करने एवं उनका प्रबंधन सुगम बनाने का प्रस्ताव किया गया है।
विधेयक के उद्देश्य एवं कारणों में कहा गया है कि समय-समय पर सामुद्रिक क्षेत्र में कई परिवर्तन हुए हैं और नौचालन के लिये सामुद्रिक सहायता के क्षेत्र में प्रौद्योगिकी का काफी विकास हुआ है। इसमें जलयान यातायात सेवा और नौचालन सहायता का विविधीकरण शामिल है जिसके अंतर्गत प्रकाश स्तम्भ और प्रकाश पोतों से भिन्न तकनीकी सहायता शामिल है। इसमें कहा गया है कि नौचालन के लिये सामुद्रिक सहायता की भूमिका ‘रेडियो और डिजिटल’ आधारित हो गई है।
चर्चा में भाग लेते हुए बीजू जनता दल (बीजद) के सुभाष चंद्र सिंह, तेलुगू देशम पार्टी के कनकमेदला कुमार, टीआरएस के बांदा प्रकाश, टीएमसी (एम) जी के वासन आदि सदस्यों ने विधेयक का समर्थन किया। सदस्यों ने विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि यह एक व्यापक विधेयक है जिससे पुराने कानून में संशोधन एवं सुधार हो सकेगा। सदस्यों ने कहा कि प्राचीन साहित्य में भी लाइट हाउस का जिक्र मिलता है।
सदन में हंगामे के कारण चर्चा अधूरी रही।
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