Edited By PTI News Agency,Updated: 26 Jul, 2021 08:55 PM
नयी दिल्ली, 26 जुलाई (भाषा) फ्रैंकलिन टेंपलटन एसेट मैनेजमेंट कंपनी ने उच्चतम न्यायालय से सोमवार को कहा कि वह प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (सैट) द्वारा सेबी के आदेश के खिलाफ उसकी अपील पर निर्णय तक कोई नई ऋण या बांड योजना शुरू नहीं करेगी।
नयी दिल्ली, 26 जुलाई (भाषा) फ्रैंकलिन टेंपलटन एसेट मैनेजमेंट कंपनी ने उच्चतम न्यायालय से सोमवार को कहा कि वह प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (सैट) द्वारा सेबी के आदेश के खिलाफ उसकी अपील पर निर्णय तक कोई नई ऋण या बांड योजना शुरू नहीं करेगी।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बोर्ड (सेबी) ने कंपनी पर दो साल तक ऐसी किसी योजना को शुरू करने की रोक लगाने के साथ उसे 512 करोड़ रुपये लौटाने को कहा था।
हालांकि, शीर्ष न्यायालय ने न्यायाधिकरण के उस फैसले पर हस्तक्षेप से इनकार किया जिसमें फ्रैंकलिन टेंपलटन को एस्क्रो खाते में 250 करोड़ रुपये जमा करने का निर्देश दिया गया है। कंपनी को यह निर्देश छह ऋण योजनाओं को बंद करने के उसके निर्णय पर दिया गया था। शीर्ष अदालत ने अपने आदेश के खिलाफ न्यायाधिकरण के स्थगन को चुनौती देने वाली सेबी की अपील का निपटान कर दिया।
इससे पहले 28 जून को सैट ने अंतरिम आदेश के तहत सेबी के नई म्यूचुअल फंड योजनाएं शुरू करने के बारे में सेबी के सात जून के आदेश पर रोक लगा दी थी और फ्रैंकलिन टेंपलटन को बाजार नियामक के 512 करोड़ रुपये लौटाने के आदेश को पूरा करने के बजाय एस्क्रो खाते में 250 करोड़ रुपये जमा करने का निर्देश दिया था।
न्यायमूर्ति एस ए नजीर तथा न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ ने सैट के आदेश के खिलाफ सेबी की अपील पर सुनवाई करते हुए स्पष्ट किया कि वह न्यायाधिकरण के एस्क्रो खाते में 250 करोड़ रुपये जमा करने के आदेश में हस्तक्षेप नहीं करेगी।
पीठ ने कहा कि इसके बजाय वह नई बांड योजनाएं शुरू करने के लिए फ्रैंकलिन टेंपलटन को अनुमति के मुद्दे को हल करेगी।
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