Edited By PTI News Agency,Updated: 28 Jul, 2021 10:20 PM
नयी दिल्ली, 28 जुलाई (भाषा) सरकार ने बुधवार को बताया कि मई में अरब सागर में डूबे बजरा पी-305 को सार्वजनिक क्षेत्र की ओएनजीसी ने भीषण तूफान ताउते के आने से पहले सुरक्षित स्थान पर जाने की सलाह दी थी, लेकिन उसके कप्तान ने आसपास ही रहने का निर्णय...
नयी दिल्ली, 28 जुलाई (भाषा) सरकार ने बुधवार को बताया कि मई में अरब सागर में डूबे बजरा पी-305 को सार्वजनिक क्षेत्र की ओएनजीसी ने भीषण तूफान ताउते के आने से पहले सुरक्षित स्थान पर जाने की सलाह दी थी, लेकिन उसके कप्तान ने आसपास ही रहने का निर्णय किया। इस हादसे में बजरे पर सवार 86 लोगों की मौत हो गयी थी।
उल्लेखनीय है कि 16 मई को चक्रवात ताउते में बजरा पप्पा-305 या पी-305 अरब सागर में डूब गया था। उस पर 261 लोग सवार थे, जिनमें से कइयों को बचा लिया गया।
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्यमंत्री रामेóóश्वर तेली ने राज्यसभा में सवालों के लिखित जवाब में कहा, ‘‘चक्रवात ताउते के दौरान ओएनजीसी की परियोजनाओं के लिये काम कर रहे बजरे के डूबने से 86 लोगों की मौत हो गयी थी।’’
चक्रवात को लेकर 13 मई चेतावनी जारी की गयी थी और ज्यादातर बजरे सुरक्षित स्थान पर चले गये थे।
उन्होंने कहा, ‘‘ओएनजीसी ने बजरा पी-305 समेत सभी जहाजों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी थी।’’
मंत्री ने कहा, ‘‘बजरे के कप्तान ने नौका और उस पर सवार लोगों की सुरक्षा के लिये उसे समीप के स्थान पर ले जाने का निर्णय किया।’’
उन्होंने कहा कि लेकिन जहाज के लंगर टूट गए इसक की वजह से वह तूफान फंस गया और जलमग्न हो गया।
मंत्रालय ने हादसे और बजरे के डूबने के पूरे घटनाक्रम की जांच का आदेश दिया है।
समिति में पोत परिवहन महानिदेशक अमिताभ कुमार, हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय के महानिदेश्क एससीएल दास और रक्षा मंत्रालय की संयुक्त सचिव नाजली जाफरी शायिन शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा जहाजों को किराये पर लेने के लिए आवश्यक नियमों और शर्तों में संशोधन पर विचार के लिये एक अन्य दो सदस्यीय समिति गठित की गयी है। इसमें पोत परिवहन महानिदेशक और पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव (अन्वेषण) शामिल हैं।
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