Edited By PTI News Agency,Updated: 31 Jul, 2021 07:40 PM
नयी दिल्ली, 31 जुलाई (भाषा) प्रसिद्ध अर्थशास्त्री और नोबेल पुरस्कार विजेता एरिक मास्किन ने शनिवार को कहा कि वैश्वीकरण ने एक पीढ़ी में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) को तीन गुना कर दिया है, लेकिन देश में श्रमिकों को इसका लाभ नहीं मिला है।
नयी दिल्ली, 31 जुलाई (भाषा) प्रसिद्ध अर्थशास्त्री और नोबेल पुरस्कार विजेता एरिक मास्किन ने शनिवार को कहा कि वैश्वीकरण ने एक पीढ़ी में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) को तीन गुना कर दिया है, लेकिन देश में श्रमिकों को इसका लाभ नहीं मिला है।
उन्होंने साथ ही कहा कि बढ़ती असमानता की समस्या का हल कोविड-19 महामारी से पार पाने से भी ज्यादा मुश्किल हो सकता है।
प्रसिद्ध अर्थशास्त्री ने अशोका यूनिवर्सिटी के छात्रों को वीडियो कांफ्रेंस के जरिये संबोधित करते हुए कहा कि वैश्वीकरण से उभरती अर्थव्यवस्थाओं में व्यापक समृद्धि आई है, लेकिन इसकी वजह से मेहनताने एवं आय में असमानता भी बढ़ी है।
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र और गणित के प्रोफेसर मास्किन ने कहा, "वैश्वीकरण ने एक पीढ़ी में भारत की जीडीपी को तीन गुना कर दिया है जो एक शानदार उपलब्धि है, लेकिन इसका देश के श्रमिकों को लाभ नहीं मिला है।"
उन्होंने कई विकासशील देशों में असमानता के बढ़ने को आश्चर्यजनक बताते हुए कहा कि असमानता की समस्या का हल बाजार की ताकतें नहीं कर सकतीं।
मास्किन ने कहा, "फिर भी, भारत कुछ बड़ी चुनौतियों का सामना करेगा, ऐसी चुनौतियां जिनका हल महामारी से पार पाने से भी ज्यादा मुश्किल हो सकता है .... यह चुनौती आय की बढ़ती असमानता की समस्या है।"
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