Edited By PTI News Agency,Updated: 05 Aug, 2021 11:12 PM
नयी दिल्ली, पांच अगस्त (भाषा) केद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन जे बी महापात्र ने बृहस्पतिवार को कहा कि सरकार भारतीय अर्थव्यवस्था में विदेशी निवेशकों का विश्वास जगाने और कर मामलों में न्याय करने के मकसद से पिछली तिथि से कराधान...
नयी दिल्ली, पांच अगस्त (भाषा) केद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन जे बी महापात्र ने बृहस्पतिवार को कहा कि सरकार भारतीय अर्थव्यवस्था में विदेशी निवेशकों का विश्वास जगाने और कर मामलों में न्याय करने के मकसद से पिछली तिथि से कराधान को खत्म करने वाला विधेयक लाई है।
सरकार ने पिछली तिथि से लागू कर कानून को लेकर कंपनियों में भय को खत्म करने के लिए बृहस्पतिवार को लोकसभा में एक विधेयक पेश किया। इसके तहत केयर्न एनर्जी और वोडाफोन जैसी कंपनियों से पूर्व की तिथि से कर की मांग को वापस लिया जाएगा।
सरकार ने यह भी कहा कि वह इस तरह के कर के जरिए वसूले गए धन को वापस कर देगी।
महापात्र ने कहा कि 2012 में लाए गए इस कानून को खत्म करने का यह सही वक्त है और इससे सरकारी खजाने पर 8,000 करोड़ रुपये से अधिक का भार पड़ेगा, जो मुख्य रूप से केयर्न एनर्जी (लगभग 8,000 करोड़ रुपये) से लिया गया था और दूसरे मामलों में यह बेहद कम (लगभग 40 करोड़ रुपये) था।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच ‘कराधान विधि (संशोधन) विधेयक, 2021’ पेश किया। इसके तहत भारतीय परिसंपत्तियों के अप्रत्यक्ष हस्तांतरण पर कर लगाने के लिए पिछली तिथि से लागू कर कानून, 2012 का इस्तेमाल करके की गई मांगों को वापस लिया जाएगा।
विधेयक में कहा गया है, ‘‘इन मामलों में भुगतान की गई राशि को बिना किसी ब्याज के वापस करने का भी प्रस्ताव है।’’
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