केंद्र ने दिल्ली उच्च न्यायालय में अपने आईटी नियम का बचाव किया

Edited By PTI News Agency,Updated: 23 Oct, 2021 09:33 AM

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नयी दिल्ली, 22 अक्टूबर (भाषा) केंद्र ने दिल्ली उच्च न्यायालय में, अपने नए आईटी नियम की कानूनी वैधता का बचाव किया है, जिसमें व्हाट्सएप जैसे मैसेजिंग ऐप के लिये सूचना के पहले प्रवर्तक का ''''पता लगाना'''' आवश्यक है। केंद्र ने कहा कि यह कानून...

नयी दिल्ली, 22 अक्टूबर (भाषा) केंद्र ने दिल्ली उच्च न्यायालय में, अपने नए आईटी नियम की कानूनी वैधता का बचाव किया है, जिसमें व्हाट्सएप जैसे मैसेजिंग ऐप के लिये सूचना के पहले प्रवर्तक का ''पता लगाना'' आवश्यक है। केंद्र ने कहा कि यह कानून उसे ऐसी संस्थाओं से स्वयं ही सुरक्षित साइबर स्पेस बनाने और अवैध विषयवस्तु का मुकाबला करने या कानून प्रवर्तन एजेंसियों की सहायता करने की अपेक्षा करने का अधिकार देता है।

केंद्र ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 87 ने उसे मध्यस्थ नियमावली के नियम 4 (2) को तैयार करने की शक्ति दी है - जो एक महत्वपूर्ण सोशल मीडिया मध्यस्थ को ''फर्जी समाचारों के खतरे और राष्ट्रीय सुरक्षा तथा सार्वजनिक व्यवस्था के साथ-साथ महिलाओं और बच्चों से संबंधित अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए ''वैध राज्य हित'' में सूचना के पहले प्रवर्तक की पहचान करने को अनिवार्य बनाता है।

व्हाट्सएप ने नियम को इस आधार पर चुनौती दी है कि एन्क्रिप्शन को तोड़ना उसके उपयोगकर्ताओं की गोपनीयता पर हमला करता है। इसके जवाब में दाखिल हलफनामे में केंद्र ने दावा किया कि जो प्लेटफॉर्म ''व्यावसायिक / वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए उपयोगकर्ताओं की जानकारियों का मौद्रिक लाभ उठाते हैं, वे कानूनी रूप से यह दावा करने के हकदार नहीं हैं कि वे गोपनीयता की रक्षा करते हैं।''


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