Edited By PTI News Agency,Updated: 29 Nov, 2021 11:52 PM
चंडीगढ़, 29 नवंबर (भाषा) दो दशक से अधिक समय से पीजीआईएमईआर अस्पताल के बाहर प्रतिदिन मरीजों और उनके परिचारकों को मुफ्त भोजन परोसने वाले ''लंगर बाबा'' के नाम से मशहूर पद्मश्री से सम्मानित जगदीश लाल आहूजा का सोमवार को निधन हो गया। वह लंबे समय...
चंडीगढ़, 29 नवंबर (भाषा) दो दशक से अधिक समय से पीजीआईएमईआर अस्पताल के बाहर प्रतिदिन मरीजों और उनके परिचारकों को मुफ्त भोजन परोसने वाले 'लंगर बाबा' के नाम से मशहूर पद्मश्री से सम्मानित जगदीश लाल आहूजा का सोमवार को निधन हो गया। वह लंबे समय से बीमार थे।
पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित, मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और कई अन्य नेताओं ने आहूजा के निधन पर शोक व्यक्त किया है।
दो दशकों से अधिक समय तक उन्होंने चंडीगढ़ में पीजीआईएमईआर के बाहर और बाद में सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल, सेक्टर-32 के बाहर मुफ्त भोजन (लंगर) परोसा। वह इन सभी वर्षों के दौरान एक दिन का भी ब्रेक लिए बिना रोजाना लगभग 2,500 लोगों को खाना खिला रहे थे।
पीजीआईएमईआर के एक प्रवक्ता ने कहा कि आहूजा को पीजीआईएमईआर परिसर के बाहर लाखों लोगों को भोजन कराने के उनके असाधारण उदार भाव तथा उनके प्यारे और मानवीय व्यक्तित्व के लिए याद किया जाएगा।
प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, ‘‘पीजीआईएमईआर लंगर बाबा की उदारता और 'सेवा करने की भावना' को सलाम करता है।’’
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने उनके निधन पर शोक जताते हुए कहा, ‘‘महान सामाजिक कार्यकर्ता एवं प्रसिद्ध परोपकारी पद्म श्री जगदीश लाल आहूजा, जिन्हें ‘लंगर बाबा’ के नाम से जाना जाता है, के निधन पर मेरी गहरी संवेदना है। पीजीआईएमईआर में गरीबों और जरूरतमंदों को मुफ्त भोजन और दवाएं उपलब्ध कराने का उनका निस्वार्थ भाव दूसरों को इस तरह की महान सेवा के लिए हमेशा प्रेरित करेगा। ’’
गौरतलब है कि 1947 में देश के बंटवारे के समय आहूजा का परिवार पाकिस्तान के पेशावर से भारत आ गया था। कई सालों के बाद उनका परिवार चंडीगढ़ में बस गया।
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