आईएएस नियम विवाद: केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए पर्याप्त अधिकारी नहीं भेज रहे राज्य: सरकार

Edited By PTI News Agency,Updated: 21 Jan, 2022 07:04 PM

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नयी दिल्ली, 21 जनवरी (भाषा) केंद्र सरकार ने सेवा नियमों में अपने प्रस्तावित बदलावों का बचाव करते हुए शुक्रवार को कहा कि राज्य प्रतिनियुक्ति के लिए पर्याप्त संख्या में आईएएस अधिकारियों को नहीं भेज रहे हैं, जिससे केंद्र सरकार का कामकाज प्रभावित...

नयी दिल्ली, 21 जनवरी (भाषा) केंद्र सरकार ने सेवा नियमों में अपने प्रस्तावित बदलावों का बचाव करते हुए शुक्रवार को कहा कि राज्य प्रतिनियुक्ति के लिए पर्याप्त संख्या में आईएएस अधिकारियों को नहीं भेज रहे हैं, जिससे केंद्र सरकार का कामकाज प्रभावित हो रहा है।
कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के सूत्रों ने कहा कि केंद्र में संयुक्त सचिव स्तर तक भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारियों के घटते प्रतिनिधित्व का रुझान देखा गया है क्योंकि ज्यादातर राज्य अपने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति रिजर्व (सीडीआर) दायित्वों को पूरा नहीं कर रहे हैं और केंद्र में सेवा के लिए उनके द्वारा प्रायोजित अधिकारियों की संख्या बहुत कम है।

डीओपीटी ने हाल में आईएएस (कैडर) नियम, 1954 में बदलाव का प्रस्ताव दिया है, जो केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर अधिकारियों की मांग के लिए नई दिल्ली के अनुरोध को रद्द करने की राज्यों की शक्ति छीन लेगा।
इस कदम की पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तीखी आलोचना की। बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर इस प्रस्ताव को वापस लेने का आग्रह किया था। उन्होंने दावा किया था कि इससे राज्यों का प्रशासन प्रभावित होगा।

डीओपीटी के सूत्रों के अनुसार, सीडीआर पर आईएएस अधिकारियों की संख्या 2011 में 309 से घटकर 223 हो गई है। उन्होंने कहा कि सीडीआर उपयोग का प्रतिशत 2011 में 25 प्रतिशत से घटकर 18 प्रतिशत हो गया है।

सूत्रों ने कहा कि आईएएस में उप सचिव/निदेशक स्तर पर आईएएस अधिकारियों की संख्या 2014 में 621 से बढ़कर 2021 में 1130 हो जाने के बावजूद केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर ऐसे अधिकारियों की संख्या 117 से घटकर 114 हो गई है।

उन्होंने कहा कि इसलिए, केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के तहत उपलब्ध अधिकारियों की संख्या केंद्र की जरूरत को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है।
सूत्रों ने कहा कि केंद्र में पर्याप्त संख्या में अधिकारियों की अनुपलब्धता केंद्र सरकार के कामकाज को प्रभावित कर रही है क्योंकि केंद्र को नीति निर्माण और कार्यक्रम कार्यान्वयन में नई सूचनाएं प्राप्त करने के लिए इन अधिकारियों की सेवाओं की जरूरत है।
सूत्रों ने कहा कि ज्यादातर राज्य कैडर द्वारा निर्धारित सीडीआर के अनुसार अधिकारियों की संख्या को प्रायोजित नहीं करने की वजह से कैडर में अधिकारियों की कमी है।

गत 12 जनवरी को सभी राज्य सरकारों के मुख्य सचिवों को भेजे गए डीओपीटी के प्रस्ताव के अनुसार विशिष्ट परिस्थितियों में जहां केंद्र सरकार द्वारा जनहित में कैडर अधिकारियों की सेवाओं की आवश्यकता होती है, केंद्र सरकार ऐसे अधिकारी की सेवाएं ले सकती है।
डीओपीटी ने 20 दिसंबर, 2021 को सभी राज्य सरकारों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखा था, जिसके बाद 27 दिसंबर, 2021, छह जनवरी और 12 जनवरी 2022 को स्मरण पत्र (रिमाइंडर) भेजे गए थे।

राज्यों को 12 जनवरी के पत्र में प्रतिनियुक्ति पर अधिकारियों को भेजने पर राज्यों की असहमति को खत्म करने के लिए केंद्र की शक्ति का उल्लेख है।

राज्य सरकारों को 25 जनवरी, 2022 तक प्रस्तावित बदलावों पर अपनी टिप्पणियां देने के लिए कहा गया है।



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