Edited By PTI News Agency,Updated: 24 May, 2022 07:16 PM
नयी दिल्ली, 24 मई (भाषा) भारतीय कोयला उपभोक्ता संघ (सीसीएआई) ने कहा है कि उपभोक्ताओं को अपना संयंत्र चलाने के लिए महंगे दाम पर कोयला खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। संघ ने इस मामले में सरकार से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया ताकि संकट में...
नयी दिल्ली, 24 मई (भाषा) भारतीय कोयला उपभोक्ता संघ (सीसीएआई) ने कहा है कि उपभोक्ताओं को अपना संयंत्र चलाने के लिए महंगे दाम पर कोयला खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। संघ ने इस मामले में सरकार से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया ताकि संकट में फंसे उद्योगों को नया जीवन दिया जा सके।
सीसीएआई ने कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी को लिखे एक पत्र में कहा है कि कई कंपनियों को अपने संयंत्रों को चालू रखने के लिए ऊंची दरों पर कोयला खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। देश के कई हिस्सों में कोयले की किल्लत देखी जा रही है।
सीसीएआई ने कहा, ‘‘हाल ही में महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड (एमसीएल) की ई-नीलामी में कोयले के भाव अधिसूचित कीमत की 800 प्रतिशत ऊंचाई पर पहुंच गए। इसकी वजह से कुछ कंपनियों को सिर्फ अपने संयंत्रों को चालू रखने के लिए महंगे दाम पर कोयला खरीदना पड़ा तो कई कंपनियों ने नीलामी से दूर ही रहने का फैसला किया।’’
सीसीएआई के मुताबिक, ईंधन आपूर्ति करार के अनुरूप आवंटित मात्रा में कोयले की आपूर्ति नहीं की जा रही है जबकि कोयला कंपनियां हाजिर ई-नीलामी कर रही हैं जिनमें कोयले का भाव मार्च से अप्रत्याशित तौर पर बढ़ गया है। ऐसे में गैर-विनियमित क्षेत्र के कई उपभोक्ताओं के लिए जरूरी मात्रा में खरीदारी कर पाना मुमकिन नहीं रह गया है।
पत्र के मुताबिक, कोयले की सीमित आपूर्ति होने से उद्योगों को उत्पादन में कमी करने और संयंत्रों को तात्कालिक तौर पर बंद करने का फैसला करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
सीसीएआई ने कहा है कि सरकार को इसमें सुधार के लिए दखल देना चाहिए। एक ही समूह की कंपनियों को एक से दूसरे संयंत्र में कोयला हस्तांतरित करने की छूट भी दी जाए। इससे जरूरतमंद संयंत्रों तक कोयला पहुंचाया जा सकेगा।
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