Edited By PTI News Agency,Updated: 28 May, 2022 04:29 PM
नयी दिल्ली, 28 मई (भाषा) इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने मसौदा ‘नेशनल डेटा गवर्नेंस फ्रेमवर्क’ जारी किया है जिसका उद्देश्य सेवाओं में सुधार के लिए सार्वजनिक और निजी निकायों द्वारा नागरिकों का गैर-वैयक्तिक डेटा उपलब्ध कराना...
नयी दिल्ली, 28 मई (भाषा) इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने मसौदा ‘नेशनल डेटा गवर्नेंस फ्रेमवर्क’ जारी किया है जिसका उद्देश्य सेवाओं में सुधार के लिए सार्वजनिक और निजी निकायों द्वारा नागरिकों का गैर-वैयक्तिक डेटा उपलब्ध कराना है।
मसौदा रूपरेखा में गैर-वैयक्तिक डेटा पर आधारित भारतीय डाटासेट कार्यक्रम शुरू करने का प्रस्ताव है। इसमें अनुसंधान तथा नवोन्मेष तंत्र को सरकारी और निजी निकायों की ओर से गैर-वैयक्तिक आंकड़ों को सुरक्षित तरीके से उपलब्ध कराने का प्रावधान प्रस्तावित है।
इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि ‘नेशनल डेटा गवर्नेंस फ्रेमवर्क’ कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) स्टार्टअप, एआई अनुसंधान इकाइयों तथा सरकारी विभागों के लिए लाभदायक है।
उन्होंने अपने ट्वीट में कहा, ‘‘यह नीतिगत रूपरेखा का महत्वपूर्ण दस्तावेज है जिसे भारत की एक हजार अरब डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए विकसित किया जा रहा है।’’
हितधारकों से उक्त रूपरेखा पर टिप्पणी करने की अपील करते हुए चंद्रशेखर ने कहा कि ‘नेशनल डेटा गवर्नेंस फ्रेमवर्क’ डिजिटल शासन और सरकार के डिजिटलीकरण को गति प्रदान करेगा जिसमें सभी विभागों के डेटा संग्रहित करने और उसका प्रबंधन करने के लिए समान मानक, नियम तथा दिशानिर्देश होंगे।
मसौदा रूपरेखा में कहा गया कि कोविड-19 महामारी के दौरान डिजिटल शासन व्यवस्था ने इस संकट से भारत के जुझारू तरीके से निपटने में और जीवन, आजीविका तथा अर्थव्यवस्था पर इसके प्रभावों में बड़ी भूमिका निभाई।
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