Edited By PTI News Agency,Updated: 29 Jun, 2022 06:10 PM
नयी दिल्ली, 29 जून (भाषा) केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अंतरराष्ट्रीय नवीकरणीय ऊर्जा एजेंसी (इरेना) के साथ रणनीतिक भागीदारी समझौते को मंजूरी दे दी है। हालांकि, यह समझौता पहले हो चुका है, लेकिन इसे मंत्रिमंडल की मंजूरी बुधवार को मिली है।
नयी दिल्ली, 29 जून (भाषा) केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अंतरराष्ट्रीय नवीकरणीय ऊर्जा एजेंसी (इरेना) के साथ रणनीतिक भागीदारी समझौते को मंजूरी दे दी है। हालांकि, यह समझौता पहले हो चुका है, लेकिन इसे मंत्रिमंडल की मंजूरी बुधवार को मिली है।
सरकार की तरफ से जारी एक बयान के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में संपन्न मंत्रिमंडल की बैठक में इरेना और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) के बीच हुए रणनीतिक भागीदारी समझौते को स्वीकृति दी गई। इस समझौते से भारत को हरित ऊर्जा बदलाव में मदद मिलेगी।
एमएनआरई और इरेना के बीच इस समझौते पर जनवरी, 2022 में हस्ताक्षर किए गए थे। इस समझौते का मकसद भारत में नवीकरणीय ऊर्जा पर आधारित हरित ऊर्जा बदलाव लाने से जुड़े प्रयासों को तेज करना है। इसके अलावा जलवायु परिवर्तन से लड़ने में दुनिया को भी मदद पहुंचाई जाएगी।
इस समझौते में कहा गया है कि सहयोग वाले क्षेत्रों से वर्ष 2030 तक 500 गीगावॉट की गैर-जीवाश्म ईंधन बिजली क्षमता स्थापित करने में मदद मिलेगी। यह आत्मनिर्भर भारत के लिहाज से अहम होगा।
समझौते में कहा गया है कि भारत नवीकरणीय ऊर्जा और स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल बढ़ाने से संबंधित अपने अनुभव इरेना के साथ साझा करेगा। यह भारत में नवाचार का माहौल मजबूत करने में सहयोग और दीर्घकालिक ऊर्जा नियोजन से जुड़े प्रयासों को भी गति देगा।
यह समझौता हरित हाइड्रोजन को अपनाकर किफायती कार्बन-मुक्त अर्थव्यवस्था के निर्माण को भी अहमियत देगा। इस तरह रणनीतिक भागीदारी समझौता भारत के ऊर्जा अंतरण बदलाव प्रयासों को मजबूती देगा।
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