Edited By PTI News Agency,Updated: 02 Aug, 2022 09:00 PM
नयी दिल्ली, दो अगस्त (पीटीआई) सरकार ने बिजली उत्पादन कंपनियों द्वारा आयातित कोयले के मिश्रण मानदंडों में ढील दी है। इसके साथ ही राज्यों और स्वतंत्र बिजली उत्पादकों को जरूरत के अनुसार ईंधन आयात करने की अनुमति दी गई है।
नयी दिल्ली, दो अगस्त (पीटीआई) सरकार ने बिजली उत्पादन कंपनियों द्वारा आयातित कोयले के मिश्रण मानदंडों में ढील दी है। इसके साथ ही राज्यों और स्वतंत्र बिजली उत्पादकों को जरूरत के अनुसार ईंधन आयात करने की अनुमति दी गई है।
सरकार ने मिश्रण के लिए आयातित कोयले का प्रतिशत तय करने का फैसला राज्यों और स्वतंत्र बिजली उत्पादकों (आईपीपी) के साथ ही कोयला मंत्रालय पर छोड़ दिया है।
बिजली मंत्रालय ने देश में कोयले के भंडार की समीक्षा के बाद यह फैसला किया।
इससे पहले, बिजली मंत्रालय ने राज्य के जेनको (बिजली उत्पादन कंपनियों) को अपनी कुल कोयले की आवश्यकता का कम से कम 10 प्रतिशत आयात करने का निर्देश दिया था।
राज्यों को 31 मई 2022 तक आयात आदेश जारी करने की सलाह दी गई थी, ताकि 30 जून 2022 तक 50 प्रतिशत मात्रा की आपर्ति सुनिश्चित की जा सके।
मंत्रालय ने यह भी कहा था कि अगर 31 मई 2022 तक कोयला आयात का आदेश नहीं दिया गया और 15 जून तक बिजली संयंत्रों में आयातित ईंधन की आवक शुरू नहीं हुई तो ऐसा करने वाले जेनको को अपने आयात को 15 प्रतिशत तक बढ़ाना होगा।
बिजली मंत्रालय ने राज्य सरकारों को भेजे पत्र में कहा, ‘‘यह निर्णय किया गया है कि अब से, राज्य / आईपीपी और कोयला मंत्रालय घरेलू कोयले की आपूर्ति की उपलब्धता का आकलन करने के बाद मिश्रण का प्रतिशत तय कर सकते हैं।’’
मंत्रालय ने कहा कि कई राज्यों के पास कोयले का भंडार मानक स्तर से 50 प्रतिशत तक अधिक है, जबकि अन्य के पास अभी भी गंभीर स्तरों तक भंडार है।
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