Edited By PTI News Agency,Updated: 07 Dec, 2022 09:56 AM
नयी दिल्ली, छह दिसंबर (भाषा) वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि आईडीबीआई बैंक की बहुलांश हिस्सेदारी और प्रबंधकीय नियंत्रण किसी विदेशी बैंक के पास चले जाने की स्थिति में भी बैंक प्राथमिक डीलर के तौर पर बना रहेगा।
नयी दिल्ली, छह दिसंबर (भाषा) वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि आईडीबीआई बैंक की बहुलांश हिस्सेदारी और प्रबंधकीय नियंत्रण किसी विदेशी बैंक के पास चले जाने की स्थिति में भी बैंक प्राथमिक डीलर के तौर पर बना रहेगा।
प्राथमिक डीलर के तौर पर आईडीबीआई बैंक सरकारी प्रतिभूतियों के संदर्भ में भी बाजार गतिविधियां संचालित करता है। बैंक का कोष सरकारी बॉन्डों की प्राथमिक नीलामी में सक्रियता से शिरकत करता है।
वित्त मंत्रालय के निवेश एवं लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) ने आईडीबीआई बैंक की 50 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी किसी विदेशी बैंक के पास जाने की स्थिति में प्राथमिक डीलर के तौर पर बैंक की भूमिका के बारे में पूछे जाने पर कहा, "आईडीबीआई बैंक के प्राथमिक डीलर कारोबार पर इसका कोई असर पड़ने की संभावना नहीं है।"
प्राथमिक डीलर भारतीय रिजर्व बैंक के पास पंजीकृत वे इकाइयां होती हैं जो सरकारी प्रतिभूतियों की खरीद एवं बिक्री करती हैं। उनके पास सीधे रिजर्व बैंक से सरकारी प्रतिभूतियों की खरीदारी करने और अन्य खरीदारों के बेचने का लाइसेंस होता है।
दीपम विभाग ने यह स्पष्टीकरण आईडीबीआई बैंक के लिए बोली लगाने के इच्छुक बोलीकर्ताओं की तरफ से आ रही आशंकाओं को दूर करने के लिए दिया है। इसके पहले सरकार यह स्पष्ट कर चुकी है कि रणनीतिक बिक्री में किसी विदेशी बैंक के सफल होने पर भी आईडीबीआई बैंक 'निजी क्षेत्र का भारतीय बैंक' बना रहेगा।
सरकार ने गत सात अक्टूबर को आईडीबीआई बैंक के निजीकरण के लिए बोलियां आमंत्रित करते हुए कहा था कि वह और एलआईसी इसमें अपनी पूरी 60.72 प्रतिशत हिस्सेदारी को बेचने जा रही है। प्रारंभिक बोलियां लगाने की अंतिम तारीख 16 दिसंबर है।
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