बिना कोचिंग, बिना संसाधन: राहुल कुमार ने डिजिटल इंडिया में बनाई अपनी खास पहचान

Updated: 24 Jun, 2025 11:51 AM

rahul kumar made his special identity in digital india

राहुल कुमार का जन्म एक सामान्य मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ। शुरू से ही वे पढ़ाई में अच्छे थे, लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति सीमित थी। B.Sc की पढ़ाई के दौरान उन्होंने ट्यूशन पढ़ाकर अपनी पढ़ाई और खर्च का प्रबंधन किया।

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। आज का दौर डिजिटल युग का है। लेकिन जब किसी छोटे शहर या गाँव के युवक को इस तेज़ रफ्तार दुनिया में खुद को साबित करना हो, तो उसके सामने केवल तकनीकी नहीं, सामाजिक और आर्थिक चुनौतियाँ भी होती हैं। ऐसे में अगर कोई युवा बिना किसी विशेष संसाधन, बिना किसी बड़े सहयोग के सिर्फ अपने जुनून और मेहनत के दम पर खुद की एक अलग पहचान बनाता है, तो वह न केवल अपने लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणा बन जाता है।

बिहार के मुज़फ्फरपुर से आने वाले राहुल कुमार की कहानी ऐसी ही एक मिसाल है। यह सिर्फ एक युवक की सफलता की गाथा नहीं, बल्कि लाखों युवाओं के लिए उम्मीद की एक रौशनी है जो यह सिखाती है कि संघर्ष कितने भी बड़े हों, अगर इरादे अडिग हों तो सफलता निश्चित है।

राहुल कुमार का जन्म एक सामान्य मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ। शुरू से ही वे पढ़ाई में अच्छे थे, लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति सीमित थी। B.Sc की पढ़ाई के दौरान उन्होंने ट्यूशन पढ़ाकर अपनी पढ़ाई और खर्च का प्रबंधन किया। उनके लिए यह सिर्फ शिक्षा का समय नहीं था, बल्कि आत्मनिर्भरता और आत्मविश्वास अर्जित करने का दौर भी था।

उस समय जब गाँव में ठीक से बिजली और नेटवर्क की सुविधा भी नहीं थी, राहुल ने इंटरनेट की मदद से डिजिटल मार्केटिंग और ऑनलाइन ब्रांडिंग सीखनी शुरू की। यूट्यूब पर वीडियो देखकर, फ्री टूल्स से अभ्यास कर उन्होंने अपने कौशल को निखारा। ना कोई कोचिंग थी, ना कोई मार्गदर्शक सिर्फ उत्सुकता और खुद से सीखने का जुनून था।

धीरे-धीरे उन्हें डिजिटल क्षेत्र की गहराई समझ आने लगी। उन्होंने SEO, सोशल मीडिया मार्केटिंग, कंटेंट ब्रांडिंग जैसे विषयों में निपुणता हासिल की। इसके साथ ही, शेयर मार्केट में भी उनकी दिलचस्पी बढ़ी। उन्होंने छोटे-छोटे निवेश शुरू किए और समय के साथ अनुभव के आधार पर समझदारी से फाइनेंशियल प्लानिंग की।

2017 में उन्होंने अपने डिजिटल ज्ञान को एक दिशा देने के लिए Digipro Media की शुरुआत की। उनके पास एक साधारण लैपटॉप और धीमा इंटरनेट कनेक्शन था, लेकिन उनके अंदर काम करने की भूख बहुत गहरी थी। धीरे-धीरे उन्होंने फ्रीलांसिंग से शुरुआत की, छोटे प्रोजेक्ट्स लिए और क्लाइंट्स को डिजिटल मार्केटिंग सेवाएँ देना शुरू किया, अपने ग्राहक संतोष और गुणवत्तापूर्ण सेवा के दम पर उनकी कंपनी ने पहचान बनानी शुरू की और 2024 तक वे दो और कंपनियाँ शुरू कर चुके थे। 

Bollywood Bus एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री से जुड़ा एक डिजिटल प्लेटफॉर्म SocioMinds Pvt. Ltd. एक डिजिटल सॉल्यूशन कंपनी जो ब्रांड्स को प्रभावशाली ऑनलाइन उपस्थिति प्रदान करती है, इन तीनों कंपनियों ने राहुल को देश के सबसे युवा डिजिटल मिलेनियर्स की सूची में ला खड़ा किया।

राहुल कुमार की सफलता केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धियों तक सीमित नहीं रही। उन्होंने बिहार के सैकड़ों युवाओं को डिजिटल कौशल में प्रशिक्षित किया और उन्हें इस क्षेत्र से जोड़कर रोज़गार के अवसर दिए। उनका मानना है कि सीमित संसाधनों से कोई भी आगे बढ़ सकता है, बस सीखने की भूख और दिशा होनी चाहिए। आज उनके साथ 150+ लोगों की टीम काम कर रही है। वे एक लीडर हैं, सिर्फ बॉस नहीं।

राहुल कुमार की सफलता इस बात का प्रमाण है कि अगर किसी के पास स्पष्ट लक्ष्य, निरंतर सीखने की प्रवृत्ति और मेहनत का जज्बा हो तो वह किसी भी हालात से ऊपर उठ सकता है। छोटे शहरों से बड़े सपने देखना और उन्हें साकार करना नामुमकिन नहीं है, 26 वर्ष की उम्र में करोड़ों की कंपनियाँ, स्पष्ट विज़न, और सामाजिक जिम्मेदारी का भाव राहुल कुमार आज के युवाओं के लिए एक जीवंत प्रेरणा हैं।

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