Edited By ,Updated: 29 Sep, 2015 11:28 PM
प्रदूषण मुक्त पर्यावरण सुनिश्चित करने के प्रयास में तीन बच्चों ने अपने माता पिता के जरिए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा ...
नई दिल्ली: प्रदूषण मुक्त पर्यावरण सुनिश्चित करने के प्रयास में तीन बच्चों ने अपने माता पिता के जरिए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाकर दिवाली और दशहरा के उत्सव के दौरान तेज आवाज वाले पटाखों के उपयोग के खिलाफ निर्देश देने का अनुरोध किया है। छह से 14 महीनों की उम्र के तीन बच्चों के पिताओं द्वारा दायर याचिका में बच्चों के प्रदूषण मुक्त माहौल में बड़े होने के अधिकार पर जोर दिया गया और मांग की गई कि सरकारी एजेंसियांें को राष्ट्रीय राजधानी में पटाखों की बिक्री के लिए लाइसेंस जारी करने से रोका जाए। याचिका में कहा गया है कि दिल्ली में त्यौहारों के दौरान बड़े पैमाने पर पटाखों के उपयोग से नवजात शिशुओं को दमा जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।
गौरतलब है कि दशहरा और दीपावली पर देश भर में करोड़ों रुपए के पटाखे जलाए जाते हैं। इससे पैसे का तो दुरुप्रयोग होता ही है साथ ही ध्वनि एवं वायु प्रदूषण भी फैलता है। विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार विकासशील देशों के 381 शहरों में दिल्ली सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर है। दिल्ली में प्रदूषण का स्तर दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है।