रेल बजट-2016 से पहले जानें इंडियन रेलवे की ये अनसुनी बातें

Edited By ,Updated: 23 Feb, 2016 06:32 PM

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रेल मंत्री सुरेश प्रभु 25 फरवरी को रेलवे बजट 2016 पेश करेंगे। जिसका पूरा देश बेसब्री से इंतजार कर रहा है...

नई दिल्ली: रेल मंत्री सुरेश प्रभु 25 फरवरी को रेलवे बजट 2016 पेश करेंगे। जिसका पूरा देश बेसब्री से इंतजार कर रहा है,लेकिन उससे पहले अपनी इंडियन रेलवे को करीब से जानना बेहद जरूरी है कि आखिर क्यों हमारे रेलवे को पूरी दुनिया में जाना जाता है। शायद तब ये बजट और ज्यादा रोचक लगने लगेगा। तो आइए जानें, भारतीय रेल के बारे में  कि पहली रेल कहां चली, और फिर बाद में ये क्या-क्या कहानियां लिखती गई...!
 
2 भारतीयों ने रखी नींव
भारत में रेल की पटरी जगन्नाथ शंकरसेठ और जमशेदजी जीजीभाई ने बिछवाई थी। जीआईपी (ग्रेट इंडियन पेनिन्सुला) रेलवेज के डायरेक्टर के तौर पर जगन्नाथ सेठ ने बांॅबे से ठाणे के बीच चली ट्रेन से 45 मिनट का सफर भी तय किया था। वहीं भारतीय रेल बजट को यूनियन बजट से ईस्ट इंडिया रेलवे कमेटी के चेयरमैन सर विलियम एक्वर्थ ने पहली बार 1924 में अलग कराया था। आम बजट में रेल बजट करीब 70 फीसदी का हिस्सेदार था।
 
1853 में चली थी भारत की पहली ट्रेन
भारत में पहली रेल बॉबे (अब मुंबई) से ठाणे (थाने) के बीच 16 अप्रैल 1853 को चली थी। इस 14 बोगी की ट्रेन को 3 इंजन जिनका नाम था सुल्तान, सिंध और साहिब खींच रहे थे। इस सफर की दूरी सिर्फ  35 किलोमीटर थी और इस ट्रेन में कुल 400 लोगों ने यात्रा की थी।
 
एशिया का सबसे बड़ा नैटवर्क
आज इंडियन रेलवे एशिया के सबसे बड़े रेलवे नैटवर्क के रूप में जाना जाता है। इसके अलावा दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा नैटवर्क है जो एक ही मैनेजमेंट के अंडर में चल रहा है। आज 1,15,000 किमी के ट्रैक बनाए जा चुके हैं। हर दिन करीब 12,617 ट्रेनों पर 23 लाख यात्री सफर करते हैं। भारतीय रेल ट्रैक की कुल लंबाई 64,000 किलोमीटर से ज्यादा है। वहीं अगर यार्ड, साइडिंग्स वगैरह सब जोड़ दिए जाएं तो यही लंबाई 1.10 लाख किलोमीटर से भी ज्यादा हो जाती है।
 
सबसे हाई स्पीड ट्रेन
2014 में प्रति घंटे 160 किलोमीटर चलाने के लिए एक सफ ल परीक्षण हुआ था। वहीं इसके कुछ महीनों बाद फिर सैमी हाई स्पीड ट्रेन गतिमान एक्सप्रेस का परीक्षण हुआ। जिसमें 90 मिनट में दिल्ली और आगरा के बीच यात्रा करने में सफलता मिली। इस दौरान करीब 30 मिनट की बचत हुई।
 
सबसे तेज और धीमी चलने वाली ट्रेन
नई दिल्ली भोपाल शताब्दी इस समय सबसे तेज चलने वाली शताब्दी ट्रेन है। यह 150 किमी प्रति घंटे के हिसाब से फैजाबाद से आगरा पहुंचती है। इसके अलावा मेतुपलयम ऊटी नीलगिरी पैसेंजर ट्रेन देश की सबसे धीमी चलने वाली ट्रेन में है। यह 10 किलोमीटर प्रति घंटे के हिसाब से चलती है। भारतीय रेलें दिन भर में जितनी दूरी तय करती हैं, वह धरती से चांद के बीच की दूरी का लगभग साढ़े तीन गुना है।
 
रिले रूट गिनीज बुक में
इंडियन रेलवे के न्यू दिल्ली रेलवे को दुनिया के सबसे बड़े रूट रिले इंटरलॉकिंग सिस्टम के लिए गिनीज बुक आफ वल्र्ड रिकार्ड में जगह मिली है।
 
ट्रेन में टॉयलेट की स्थापना
भारतीय रेलवे के गठन के करीब 50 साल बाद यानी सन 1909 में ट्रेनों में टॉयलेट की व्यवस्था की गई थी। सफर के दौरान यात्री ओखिल चंद्र सेन ने 1909 में पैसेंजर ट्रेन से यात्रा के अपने बुरे अनुभव के बारे में साहिबगंज रेल डिविजन को पत्र लिखा। जिसके बाद ब्रिटिश शासन ने ट्रेनों में टॉयलेट की शुरुआत की। सेन द्वारा लिखे गए लेटर की प्रतिलिपि भारतीय रेल संग्रहालय में रखी है।
 
पहली बार 1986 में हुआ कप्यूटराईजेशन 
जुलाई 1986 में भारतीय रेल मंत्रालय ने कप्यूटर पर भारतीय रेलवे की हर जानकारी और गतिविधि के लिए सी.आर.आई.एस.की स्थापना की। इसके बाद से आई.सी.आर.एस. की ओर काफी तेजी से बढने लगा।
 
रेलवे का शुभंकर 2003 में बना भोलू हाथी
भारतीय रेलवे का शुभंकर भोलू हाथी है, जिसको रेलवे ने गार्ड के रूप में दिखाया है। यह शुभंकर एक हाथी का कार्टून है, जो अपने हाथ में एक ग्रीन लैंप लिए हुए है। इसको रेलवे के द्वारा 150 साल पूरा होने पर 16 अप्रैल 2002 को बेंगलुरु में प्रदर्शित किया गया था। इसके एक साल बाद रेलवे ने साल 2003 में भोलू को आधिकारिक तौर पर अपना शुभंकर घोषित किया।
 
सबसे बड़े नाम वाला स्टेशन
भारतीय रेलवे स्टेशन में सबसे छोटा नाम ओडिशा को इब (आईबी) रेलवे स्टेशन हैं जो अंग्रेजी के सिर्फ  2 शब्दों का है। वहीं सबसे बड़े रेलवे स्टेशन के नाम के रूप में वेंकटनरसिंहराजुवारिपटारेलवे स्टेशन है। इसमें अंग्रेजी के 29 शब्द हैं।
 
सबसे पुराना भाप का इंजन
दुनिया के सबसे पुराने स्टीम इंजन से चलने वाली फेयरी क्वीन नई दिल्ली और राजस्थान के अलवर में चलती है। यह दुनिया का सबसे पुराना भाप वाला इंजन है। इस इंजन का नाम भी गिनीज बुक ऑफ  वल्र्ड रिकार्ड में शामिल हो चुका है। इसे अन्तराष्ट्रीय स्तर पर हेरिटेज अवार्ड भी मिल चुका है।
 
111 जगह रुकती ये ट्रेन
हावड़ा-अमृतसर एक्सप्रेस 111 स्टॉपेज पर रुकती है। इसके अलावा दुनिया का सबसे लंबा 1366.33 मीटर का प्लेटफॉर्म गोरखपुर में है। इसके अलावा भारतीय रेलवे दुनिया का 9वां सबसे बड़े एंप्लॉयर के रूप में भी जाना जाता है।
 
बिना रुके सबसे लंबी दूरी तक चलने वाली ट्रेन
त्रिवेंद्रम-हजरत निजामुद्दीन राजधानी एक्सप्रेस बिना रुके सबसे लंबी दूरी तक चलने वाली ट्रेन है। यह ट्रेन 528 किलोमीटर (वडोदरा और कोटा) के बीच का सफर बिना रुके तकरीबन 6.5 घंटे में पूरा करती है।
 
चिनाब रेल ब्रिज दुनिया का सबसे ऊंचा रेल ब्रिज
जमू-कश्मीर के रियासी जिले में चिनाब नदी पर अंडर कंस्ट्रक्शन (निर्माणाधीन)  रेलवे ब्रिज के पूरा हो जाने पर उमीद जताई जा रही है कि यह दुनिया का सबसे ऊंचा रेल ब्रिज होगा। यह ब्रिज दिल्ली के कुतुबमीनार से 5 गुना ऊंचा और फ्रांस के एफिल टावर से भी ऊंचा होगा। लगभग 1315 मीटर लंबा यह अंडर कंस्ट्रक्शन ब्रिज चिनाब नदी पर बक्कल और कौरी के बीच बनाया जा रहा है जो इसी वर्ष यानी कि 2016 में बनकर तैयार हो जाएगा।
 
आई.आर.सी.टी.सी. के हिट्स 12 लाख प्रति मिनट तक
भारतीय रेलवे की सहयोगी संस्था इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आई.आर.सी.टी.सी.) को एक मिनट में 12 लाख हिट्स मिले थे। वहीं, 1 अप्रैल 2015 को ऑनलाइन ट्रेन टिकट की बुकिंग के दौरान यह संया करीब 13.45 लाख प्रति मिनट के करीब पहुंच गई थी।
 
भारतीय रेलवे के 4 साइट वल्र्ड हेरिटेज में शामिल
यूनेस्को ने भारतीय रेलवे के 4 साइट को वल्र्ड हेरिटेज साइट के तौर पर शामिल किया है। यूनेस्को की सूची में दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे को 1999 में,  मुबई सी.एस.टी. बिल्डिंग को वर्ष 2004 में, नीलगिरि माऊंटेन रेलवे को 2005 में और कालका शिमला रेलवे को 2008 में शामिल किया गया।
 
2 राज्यों में बनी है नवापुर रेलवे स्टेशन की बिल्डिंग
भारतीय रेलवे का नवापुर रेलवे स्टेशन 2 राज्यों में बना हुआ है। इस रेलवे स्टेशन का पहला आधा हिस्सा महाराष्ट्र में है जबकि दूसरा हिस्सा गुजरात में है।

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