Edited By PTI News Agency,Updated: 24 Jun, 2022 11:14 PM
कोलकाता, 24 जून (भाषा) पश्चिम बंगाल विधानसभा ने भूमि सुधार एवं काश्तकारी अधिकरण में अध्यक्ष और न्यायिक सदस्य की नियुक्ति कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के परामर्श से करने की शक्ति राज्यपाल के बजाय राज्य सरकार को देने वाला विधेयक...
कोलकाता, 24 जून (भाषा) पश्चिम बंगाल विधानसभा ने भूमि सुधार एवं काश्तकारी अधिकरण में अध्यक्ष और न्यायिक सदस्य की नियुक्ति कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के परामर्श से करने की शक्ति राज्यपाल के बजाय राज्य सरकार को देने वाला विधेयक शुक्रवार को पारित कर दिया।
इससे पहले, विधानसभा ने ऐसे कई अन्य विधेयक पारित किये थे जो कानून का रूप लेने पर राज्यपाल की विभिन्न शक्तियों में कटौती करेंगे।
पश्चिम बंगाल भूमि सुधार एवं काश्तकारी अधिनियम (संशोधन) विधेयक, 2022 पेश करते हुए भूमि एवं भूमि सुधार राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा कि संशोधन करने की जरूरत इसलिए है कि राज्यपाल को भेजी जाने वाली फाइल पर वह (राज्यपाल) हस्ताक्षर नहीं करते हैं बल्कि बार-बार सवाल करते हैं, जिससे अधिकरण का कामकाज प्रभावित होता है।
उन्होंने कहा कि इसमें (अधिकरण में) कोई कामकाज नहीं हो पा रहा है क्योंकि पद लंबे समय से रिक्त हैं।
विधेयक को ध्वनि मत से पारित कर दिया गया। विधेयक में यह प्रस्ताव किया गया है कि प्रशासनिक सदस्य की नियुक्ति एक चयन समिति करेगी।
विपक्षी दल भाजपा के सदस्यों ने विधेयक का विरोध करते हुए दावा किया कि नियुक्ति प्राधिकारी के तौर पर यदि राज्यपाल की जगह किसी और को दे दी जाती है तो अधिकरण के कामकाज का सीधा असर राज्य सरकार पर पड़ेगा।
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