फिर महंगी होने को तैयार दालें

Edited By ,Updated: 25 Mar, 2017 04:42 PM

prepare to be expensive pulses

इस साल देश में दलहन की रिकॉर्ड पैदावार के अनुमान से दालों के दाम दबाव में रहे।

नई दिल्ली: इस साल देश में दलहन की रिकॉर्ड पैदावार के अनुमान से दालों के दाम दबाव में रहे। सरकार और दलहन संगठनों के आंकड़ों में अंतर के चलते सरकार आयात शुल्क लगा सकती है। बाजार में आ रही इस तरह की खबरों ने दलहन की कीमतों को हवा देनी शुरू कर दी है यानी दालें फिर महंगी होने को तैयार हैं। महज एक दिन में चना करीब 500 रुपए महंगा हो गया। कारोबारियों की बात मानी जाए तो घरेलू बाजार में कीमतों को नियंत्रित रखने के लिए सरकार जल्द ही कुछ कदम उठा सकती है। दलहन फसलों के आयात पर शुल्क लगाए जाने की आशंका के बीच देसी चना 6,000 रुपए प्रति कि्वंटल के पार पहुंच गया जबकि काबली चने का भाव 6,400 रुपए के आसपास बोला जा रहा है। महज एक दिन पहले घरेलू बाजार में देसी चने का दाम 5,560 रुपए प्रति कि्वंटल बोला जा रहा था। चने के साथ तुअर यानी अरहर के दाम भी बढ़कर अमरावती में 8,250 रुपए प्रति कि्वंटल तक पहुंच गए। हालांकि खुदरा बाजार में दाल के दाम अभी भी दबाव में बने हुए हैं।

ये रहे दालों के रेट
मुम्बई थोक बाजार में चने की दाल 7,000 रुपए, अरहर 6,000, उड़द 7,750 रुपए, मूंग दाल 6,250 रुपए और मसूर दाल की कीमत 5,400 रुपए प्रति कि्वंटल बोली जा रही है। खुदरा बाजार में अरहर की दाल 82 रुपए, उड़द की दाल 102 रुपए, मूंग दाल 80 रुपए और मसूर की दाल 82 रुपए प्रति किलोग्राम बिक रही है। इंडियन पल्सेज एंड ग्रेन्स एसोसिएशन (आई.पी.जी.ए.) के मुताबिक इस साल देश में दलहन फसलों की पैदावार तो बढ़ी है लेकिन इसके बावजूद आयात की जरूरत पड़ेगी जबकि सरकार के मुताबिक इस साल देश में दलहन की पर्याप्त पैदावार हुई है। इसलिए आयात की जरूरत नहीं होगी। हाल ही में केंद्रीय खाद्य एंव आपूर्ति व सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान ने एक बयान में कहा था कि इस वर्ष करीब 221 लाख टन पैदावार होने का अनुमान है और देश में दलहन की खपत 220 लाख टन रहने का अनुमान है।

नैफेड की खरीदारी सीमा बढ़ाकर 25 लाख कि्वंटल हुई
बाजार में अरहर की आवक बढऩे की वजह से नैफेड की खरीदारी सीमा बढ़ाकर 25 लाख कि्वंटल कर दी गई है। किसानों को उनकी फसल का सही मूल्य मिले और खरीदारी सही तरीके से हो सके इसके लिए राज्य में 316 खरीद केंद्र खोले गए हैं। जरूरत पड़ी तो सरकार और केंद्र खोलेगी। नैफेड द्वारा 15 अप्रैल तक खरीदारी की जाएगी। अभी तक राज्य में नैफेड ने 2,07,560 टन तुअर खरीदी है।

सरकार करेगी अरहर की खरीद
महाराष्ट्र में तुअर (अरहर) की पैदावार अधिक होने के कारण कई जगह किसान अपनी फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे बेचने के लिए मजबूर हो रहे हैं। राज्य सरकार ने किसानों को भरोसा दिलाते हुए कहा कि सरकार किसानों का नुक्सान नहीं होने देगी और जब तक कीमतें बढ़ेंगी नहीं, तब तक वह अरहर की खरीद करेगी। महाराष्ट्र सहकारिता मंत्री सुभाष देशमुख के मुताबिक इस साल राज्य में अरहर की पैदावार पिछले साल की अपेक्षा तीन गुना अधिक हुई है। राज्य में इस साल 1 करोड़ 17 लाख कि्वंटल अरहर की पैदावार हुई है। किसानों को 1 हजार 66 करोड़ रुपए देने हैं। किसानों की यह रकम 8 दिन के अंदर उनके बैंक खातों में पहुंच जाएगी। 

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