Edited By jyoti choudhary,Updated: 09 Apr, 2024 12:31 PM
देश में हर साल करीब 350 लाख टन यूरिया की जरूरत होती है लेकिन सरकार 2025 के अंत तक यूरिया का आयात बंद करने जा रही है। वहीं दूसरी ओर स्टोनएक्स के उर्वरक निदेशक जोश लिनविले ने यूरिया को लेकर ट्वीट किया है जिसमें उसने कहा है कि भारत ने यूरिया की खरीद...
बिजनेस डेस्कः देश में हर साल करीब 350 लाख टन यूरिया की जरूरत होती है लेकिन सरकार 2025 के अंत तक यूरिया का आयात बंद करने जा रही है। वहीं दूसरी ओर StoneX के उर्वरक निदेशक जोश लिनविले ने यूरिया को लेकर ट्वीट किया है जिसमें उसने कहा है कि भारत ने यूरिया की खरीद 724KMT से घटाकर अब 340KMT कर दी है, भारत के इस कदम ने वैश्विक यूरिया जगत को चौंका दिया है।
यूरिया का घरेलू उत्पादन बढ़ा
हाल ही में रसायन और उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा था कि भारत अगले साल यानी 2025 के आखिर तक यूरिया का आयात बंद कर देगा। केंद्रीय मंत्री के अनुसार, यूरिया का घरेलू उत्पादन तेजी से बढ़ा है और यह सप्लाई और डिमांड के मौजूदा अंतर को खत्म कर देगा।
मांडविया का कहना है कि नरेंद्र मोदी सरकार ने यूरिया आयात पर निर्भरता खत्म करने के लिए दोतरफा रणनीति अपनाई है। सरकार ने चार बंद हो चुके यूरिया प्लांट को दोबारा शुरू कराया है। साथ ही, एक और कारखाने को शुरू कराने की दिशा में काम चल रहा है, जो बंद हो चुका है।
उन्होंने बताया कि घरेलू मांग को पूरा करने के लिए भारत को सालाना लगभग 350 लाख टन यूरिया की जरूरत होती है। अब घरेलू उत्पादन 310 लाख टन तक पहुंच गया है, जो 2014-15 में 225 लाख टन था। पांचवें प्लांट के शुरू होने के बाद यह 325 लाख टन पहुंच जाएगा। बाकी 20-25 लाख टन में पांरपरिक यूरिया की जगह नैनो लिक्विड यूरिया का इस्तेमाल करने का इरादा है।