सरकार ने कहा- चने के उत्पादन को लेकर कोई चिंता नहीं, MSP पर खरीद शुरू

Edited By jyoti choudhary,Updated: 09 Apr, 2024 05:47 PM

government said no worries about gram production procurement

केंद्र ने मंगलवार को कहा कि उसने कीमतों पर नियंत्रण रखने तथा अपनी कल्याणकारी योजनाओं के तहत वितरण करने की मंशा रखने वाले राज्यों की मांग को पूरा करने के मकसद से बफर स्टॉक बनाने को किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर चना खरीदना शुरू कर दिया...

नई दिल्लीः केंद्र ने मंगलवार को कहा कि उसने कीमतों पर नियंत्रण रखने तथा अपनी कल्याणकारी योजनाओं के तहत वितरण करने की मंशा रखने वाले राज्यों की मांग को पूरा करने के मकसद से बफर स्टॉक बनाने को किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर चना खरीदना शुरू कर दिया है। उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने कहा कि कृषि मंत्रालय ने संकेत दिया है कि चने की पैदावार बरकरार है और ‘‘फिलहाल उत्पादन को लेकर कोई चिंता नहीं है।'' 

उन्होंने कहा कि इस बीच, राज्यों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि व्यापारियों, आयातकों और मिल मालिकों को जमाखोरी और मूल्यवृद्धि को रोकने के लिए 15 अप्रैल से प्रभावी नियम के तहत दालों के अपने स्टॉक की स्थिति की घोषणा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता मामलों के विभाग ने सीमा शुल्क में पड़ी आयातित दालों के मुद्दे पर आयातकों, व्यापारियों, सीमा शुल्क और राज्य के अधिकारियों के साथ चर्चा करने के लिए बुधवार को एक बैठक बुलाई है। रबी विपणन सत्र 2024-25 के लिए चने का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 5,440 रुपए प्रति क्विंटल है। 

खरे ने कहा, ‘‘चने की फसल की आवक बढ़ने से मंडी की कीमतें नरम हो गई हैं और एमएसपी स्तर पर पहुंच गई हैं। हमने अभी खरीद अभियान शुरू किया है।'' सहकारी संस्थाएं नेफेड और एनसीसीएफ मूल्यवृद्धि को रोकने के लिए बाजार में जारी की जाने वाले दालों के स्टॉक को बनाए रखने के लिए मूल्य स्थिरीकरण निधि (पीएसएफ) योजना के हिस्से के रूप में चने की खरीद का कार्य कर रही हैं। खरे ने कहा कि केंद्र खरीद को सुव्यवस्थित करने के लिए विभिन्न राज्य सरकारों के साथ चर्चा कर रहा है और झारखंड जैसे गैर-पारंपरिक दाल उत्पादक राज्यों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। 

अपनी कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से वितरण के लिए राज्य सरकारों की ओर से चने की मांग बढ़ने के साथ सचिव ने कहा कि अब उपलब्धता के मामले में बफर स्टॉक पर दबाव है। पहले बमुश्किल 3-4 राज्य ही कल्याणकारी योजनाओं के लिए बफर स्टॉक से चना लेते थे। अब, 16 राज्य सरकारें पोषण सुरक्षा को पूरा करने के लिए चने का बफर स्टॉक ले रही हैं। उन्होंने कहा कि कर्नाटक, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश जैसे चार और राज्यों ने चने के लिए अनुरोध किया है। राज्य सरकारें दो योजनाओं के तहत केंद्र से चना उठा रही हैं। विभाग के अनुसार, मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत कृषि मंत्रालय द्वारा खरीदा गया लगभग आठ लाख टन कच्चा चना अक्टूबर, 2022 से राज्य सरकारों द्वारा रियायती दर पर खरीदा गया है। 
 

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