Edited By ,Updated: 07 Feb, 2016 05:13 PM
तिमाही मुनाफे में भारी गिरावट के मद्देनजर केयर्न इंडिया चाहती है कि सरकार को कच्चे तेल पर उपकर घटाने के लिए बजट का इंतजार नहीं करना चाहिए
नई दिल्ली: तिमाही मुनाफे में भारी गिरावट के मद्देनजर केयर्न इंडिया चाहती है कि सरकार को कच्चे तेल पर उपकर घटाने के लिए बजट का इंतजार नहीं करना चाहिए ताकि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमत में नरमी से घरेलू तेल उत्पादकों को हो रहे नुकसान की भरपाई की जा सके।
केयर्न इंडिया के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी मयंक अशर ने कहा कि सरकार को 4,500 रुपए प्रति टन तेल उद्योग विकास उपकर को मूल्यानुसार कर में परिवर्तित करनी चाहिए। कच्चे तेल की कीमत फिलहाल करीब 30 डॉलर प्रति बैरल है और इसका एक तिहाई उपकर पर खर्च हो जाता है। उन्होंने कहा, "हम कच्चे तेल पर उपकर में कटौती पर कुछ सकारात्मक पहल होने की उम्मीद है। हमें उम्मीद है कि सरकार बजट से पहले ही इसे लागू करेगी ताकि घरेलू उत्खनन एवं उत्पादन क्षेत्र को प्रोत्साहित किया जा सके जो कच्चे तेल के मूल्य में भारी गिरावट से दबाव में है।"
केयर्न इंडिया का मुनाफा अक्तूबर-दिसंबर की तिमाही में 99 प्रतिशत गिरकर 8.7 करोड़ रुपए रह गया और कंपनी ने राजस्थान क्षेत्र से उत्पादित कच्चे तेल पर 34.5 डॉलर प्रति बैरल की कीमत पर 9.6 डॉलर प्रति बैरल का कच्चा तेल उपकर दिया।