बेपटरी करने के प्रयासों के बावजूद आसानी से लागू GST: जेतली

Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Oct, 2017 10:09 AM

despite the attempts to get rid of it  gst easily implemented

वित्त मंत्री अरुण जेतली ने कहा कि भारत की वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) को अपनाने की राह ‘लगभग निर्वघ्न’ रही है और ....

वॉशिंगटन: वित्त मंत्री अरुण जेतली ने कहा कि भारत की वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) को अपनाने की राह ‘लगभग निर्वघ्न’ रही है और यह ‘गलत जानकारी’ रखने वाले विपक्ष के इसे ‘बेपटरी’ करने के कई प्रयासों के बावजूद लागू हुआ है। जेतली इन दिनों एक सप्ताह की अमरीका यात्रा पर हैं। यहां वह अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक की वार्षिक बैठकों में शिरकत करेंगे।

सरकार ने शुरू कीं कई आकर्षक योजनाएं 
जेतली ने कहा कि जी.एस.टी. के तहत सरकार ने कई आकर्षक योजनाएं शुरू कीं ताकि भारत में कर के लिए गैर-अनुपालन की स्थिति को कर-अनुपालन की दिशा में ले जाया जाए। न्यूयॉर्क में एक संबोधन में उन्होंने कहा, ‘‘राजनीतिक समूहों ने जी.एस.टी. को बेपटरी करने के कई प्रयास किए लेकिन मुझे इस बात की खुशी है कि उनकी खुद की राज्य सरकारों ने उनकी बातों को नहीं सुना क्योंकि वे समझ रही हैं कि इसका 80 प्रतिशत हिस्सा राज्य के पास आएगा और इसलिए उन्होंने अपनी पार्टी के कम जानकारी रखने वाले केंद्रीय नेता की बात को स्वीकार नहीं किया और अपने राज्य के राजस्व का नुक्सान होने से बचाया।’’ उन्होंने यह बात यहां भारतीय उद्योग परिसंघ (सी.आई.आई.) और अमरीका चैंबर्स ऑफ कॉमर्स के एक संयुक्त कार्यक्रम में प्रश्नों का जवाब देते हुए कही। उन्होंने कहा कि सरकार के पास इतनी क्षमता होनी चाहिए कि वह सही और जबरदस्ती पैदा की गई शिकायतों में भेद कर सके।
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1 करोड़ तक का कारोबार करने वालों के लिए एक योजना
उन्होंने कहा, ‘‘भारत में जी.एस.टी. की सबसे निचली दर 5 प्रतिशत है और यह दुनिया में कहीं भी नहीं है। आप लोगों के लिए कर प्रणाली में प्रवेश को आसान बना सकते हैं जिसके बाद आप इसका विस्तार करने में सक्षम होंगे। जी.एस.टी. में एक करोड़ रुपए तक का कारोबार करने वालों के लिए हमारे पास एक योजना है। हम इन लोगों को कर के दायरे में लाने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि 2 महीनों के आंकड़े दिखाते हैं कि 95 प्रतिशत कर मात्र 4 लाख करदाताओं ने दिया है। इस लिहाज से यह भुगतान के संदर्भ में शीर्ष पर भारी है। यही वजह है कि कर आधार का निचले स्तर पर भी लगातार विस्तार करते रहने की जरूरत है।

भारत व्यापार के लिए बन रहा बेहतर स्थान 
जेतली ने सी.आई.आई. के चंद्रजीत बनर्जी और पेपाल के सी.ई.ओ. एवं अध्यक्ष डान शल्मैन से बातचीत में जी.एस.टी. के समक्ष सर्वाधिक बड़ी चुनौतियों से जुड़े सवालों पर चर्चा की। इस कार्यक्रम में वित्त मंत्री ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था का वैश्विक एकीकरण ऐसे वक्त में हो रहा है जब अन्य अर्थव्यवस्थाएं अधिक संरक्षणवादी हो रही हैं।  उन्होंने कहा कि पिछले 3 वर्षों में सरकार द्वारा उठाए गए कई कदमों के कारण भारत अब व्यापार के लिए बेहतर स्थान बनता जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रक्रियाओं को सरल किया गया है।

लगभग 95 प्रतिशत निवेश आ रहा स्वत
उन्होंने कहा कि अब लगभग 95 प्रतिशत निवेश स्वत: आ रहा है और विदेशी निवेश प्रोत्साहन बोर्ड को समाप्त कर दिया गया है। आज कर से जुड़े 99 प्रतिशत सवालों को ऑनलाइन सुलझा लिया जाता है। वित्त मंत्री अरुण जेतली ने कहा कि भारत अब बड़े फैसले लेने और उन्हें बड़े पैमाने पर लागू करने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी भुगतान के नए तरीकों को बड़े पैमाने पर अपना रही है।

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