ऐमजॉन vs फ्लिपकार्टः खर्च घटाकर ग्रोथ पर फोकस करेगा फ्लिपकार्ट

Edited By ,Updated: 08 Nov, 2016 10:23 AM

flipkart will focus on growth by reducing costs

बिग बिलियन डे सेल के बाद फ्लिपकार्ट ने अपना बर्न रेट घटाने का फैसला किया है ताकि दिसंबर 2017 तक 15-20 करोड़ डॉलर की बचत की जा सके और 80-100 पर्सेंट ग्रोथ दर्ज की जा सके।

नई दिल्लीः बिग बिलियन डे सेल के बाद फ्लिपकार्ट ने अपना बर्न रेट घटाने का फैसला किया है ताकि दिसंबर 2017 तक 15-20 करोड़ डॉलर की बचत की जा सके और 80-100 पर्सेंट ग्रोथ दर्ज की जा सके। फ्लिपकार्ट का फोकस अब 'कस्टमर एक्सपीरियंस बेहतर बनाने' पर हो गया है ताकि ऐमजॉन से निपटा जा सके। कंपनी ने खर्च घटाने का फैसला किया है। जानकारी के मुताबिक जब तक कोई नया इन्वेस्टर सामने नहीं आता, तब तक कंपनी अपने कारोबार में नई पूंजी लगाने की रफ्तार घटाए रखेगी।

एक सूत्र ने बताया, 'कंपनी फिर ग्रोथ पर फोकस कर रही है, जिसके लिए लागत घटाकर बचत की जाएगी।' कंपनी का इरादा कामकाज बेहतर बनाकर और ऐडवर्टाइजिंग बिजनेस और अपनी लॉजिस्टिक्स इकाई ई-कार्ट जैसे व्यवसायों से आमदनी जुटाकर सरप्लस कैश हासिल करने का है।

एक्सपर्ट्स का मानना है कि बर्न रेट घटाने और ग्रोथ पर फोकस बढ़ाने की वजह यह हो सकती है कि कंपनी खुद को निवेशकों के लिए आकर्षक बनाना चाहती है। फ्लिपकार्ट एक अरब डॉलर के निवेश के लिए वॉलमार्ट स्टोर्स से बातचीत कर रही है।

जब से बिन्नी बंसल सी.ई.ओ. बने हैं तब से फ्लिपकार्ट का रुख बदल गया है। कई लोगों का मानना है कि ऐमजॉन बेहतर कस्टमर एक्सपीरियंस दे रही है।दो साल पहले बर्न रेट अपने उच्चतम स्तर पर था, जब कस्टमर्स को ज्यादा से ज्यादा संख्यों में जोड़ने पर जोर दिया जा रहा है। हालांकि कंपनी पिछले कुछ समय से बर्न रेट घटाने की कोशिश कर रही है। इंडस्ट्री के अनुमानों के मुताबिक, फ्लिपकार्ट का मौजूदा बर्न रेट 6 करोड़ डॉलर प्रति महीना है।

पिछले साल तक कैश बर्न रेट को उस नेगेटिव कैश फ्लो का पैमाना माना जाता था, जिसका इस्तेमाल कंपनियां मार्कीट शेयर हासिल करने और ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए अपनी प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ हथियार के रूप में करती थीं। यह रणनीति मददगार हो रही थी क्योंकि तमाम निवेशक ई-कॉमर्स सैक्टर में कंपनियों को पैसा दे रहे थे।

निवेशक अब इस बात पर जोर देने लगे हैं कि किसी भी कीमत पर कारोबार बढ़ाने के बजाय ग्रोथ को टिकाऊ बनाया जाए और प्रॉफिटेबिलिटी सुनिश्चित की जाए। ऐसे में कंपनियों के पास बर्न रेट घटाने के सिवा और कोई विकल्प नहीं बचा है।

फ्लिपकार्ट ने दावा किया है कि मार्केटिंग और लॉजिस्टिक्स पर प्रतिद्वंद्वियों के मुकाबले कर्म खर्च करने के बावजूद फेस्टिव सीजन में वह इंडियन ऑनलाइन रिटेल इंडस्ट्री में अव्वल पोजिशन पर कायम रही। कंपनी ने कहा कि उसने बिग बिलियन डे सेल के दौरान 1.55 करोड़ यूनिट्स बेचीं, जबकि ऐमजॉन ने 1.5 करोड़ और स्नैपडील ने 1.1 करोड़ यूनिट्स बेचीं।

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