Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Nov, 2017 04:23 PM
सरकार माल व सेवा कर (जी.एस.टी.) के तहत हर महीने कम से कम तीन रिटर्न दाखिल करने की अनिवार्यता की समीक्षा कर सकती है ताकि करदाताओं के लिए अनुपालन को आसान बनाया जा सके। मौजूदा व्यवस्था के तहत कारोबारी इकाइयों को हर महीने तीन रिटर्न जी.एस.टी.आर-1,...
नई दिल्लीः सरकार माल व सेवा कर (जी.एस.टी.) के तहत हर महीने कम से कम तीन रिटर्न दाखिल करने की अनिवार्यता की समीक्षा कर सकती है ताकि करदाताओं के लिए अनुपालन को आसान बनाया जा सके। मौजूदा व्यवस्था के तहत कारोबारी इकाइयों को हर महीने तीन रिटर्न जी.एस.टी.आर-1, जी.एस.टी.आर-2 व जी.एस.टी.आर-3 फार्म भरने होते हैं। ये फार्म कर योग्य सामान व सेवाओं, इनपुट कर क्रेडिट व मासिक रिटर्न से जुड़े हैं।
अधिकारियों ने कहा कि कारोबारी इकाइयों ने जुलाई रिटर्न दाखिल करने में बिलों का मिलान करने में दिक्कतों की शिकायत की है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘जी.एस.टी.आर- 1, 2 व 3 दाखिल करने के नियम की समीक्षा होगी। कारोबारी इकाइयों ने जी.एस.टी.आर-2 दाखिल करने में बिल मिलान में परेशानी की शिकायत की है। आने वाले महीनों में बिलों के मिलान की अनिवार्यता की समीक्षा की जाएगी।’ उल्लेखनीय है कि सरकार ने जी.एस.टी. प्रणाली का कार्यान्वयन एक जुलाई से किया है। इसके तहत कारोबारी इकाइयां अगले महीने के 20वें दिन तक जी.एस.टी.आर-3बी के जरिए करों का भुगतान कर सकती हैं। यह फार्म जलाई से दिसंबर अवधि के लिए है और इसे जनवरी से बंद कर दिया जाएगा। अधिकारियों ने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली की अध्यक्षता वाली जी.एस.टी. परिषद जी.एस.टी.आर-3बी को दिसंबर के बाद भी जारी रख सकती है।