नोटबंदीः देखिए काले धन वालों ने लगाए कैसे-कैसे जुगाड़?

Edited By ,Updated: 21 Nov, 2016 02:55 PM

how black money hoarders attempted to circumvent note ban

8 नवंबर को पीएम मोदी के 500 और 1000 के नोट पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा के बाद एक अफरा तफरी का माहौल खड़ा हो गया और काला धन रखने वाले लोगों में हड़कंप मच गया।

नई दिल्लीः 8 नवंबर को पीएम मोदी के 500 और 1000 के नोट पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा के बाद एक अफरा तफरी का माहौल खड़ा हो गया और काला धन रखने वाले लोगों में हड़कंप मच गया। लेकिन लोग फिर भी नहीं माने और सरकार के इस कदम को दरकिनार करने के लिए अजब-गजब तरीके अपनाए।

बता दें कि 2012-13 में 50 करोड़ से ज्यादा कमाने वाले सिर्फ 6 लोगों ने इन्कम टैक्स रिटर्न फाइल किया है। जबकि एक अनुमान के मुताबिक देश में ऐसे 2100 अति धनाढ्य भारतीय हैं जिनकी शुद्ध संपत्ति 340 करोड़ से ज्यादा है। सरकार ऐसे लोगों को धन पकड़ने की तैयारी में है जो इस वक्त बैंक में ढाई लाख रुपए से ज्यादा की रकम जमा कर रहे हैं क्योंकि अघोषित नकदी रखने वालों पर अब डबल टैक्स की मार पड़ने वाली है। आपको बताते हैं कि लोगों ने नोटबंदी से बचने के लिए क्या-क्या जुगाड़ लगाए...

6 महीने की अडवांस सैलरी का भुगतान
वड़ोदरा के एक रियल एस्टेट डिवेलपर ने अपने 100 कर्मचारियों को, जिनमें से अधिकांश मजदूर थे, को 6 महीने की अडवांस सैलरी दे दी। इस डिवेलपर ने बताया, 'जो लोग भी मेरे लिए काम कर रहे हैं, मैंने उन्हें 2 पर्सेंट ज्यादा सैलरी देते हुए पूरे 6 महीने की अडवांस सैलरी दे दी है।' इस डिवेलपर को पूरी उम्मीद है कि उसके कर्मचारी इस पैसे को लेकर नहीं भागेंगे।

लक्जरी सामान की खरीददारी
जैसे ही नोटबंदी की घोषणा हुई, कई रईस भारतीय अपने काले धन से महंगी चीजें खरीदने के लिए दौड़ पड़े। रोलेक्स और डियोर जैसे महंगे सामान रखने वाले स्टोरों ने अपने क्लाइंटों को 8 नवंबर को ही मेल कर दिया कि उस दिन स्टोर रात 12 बजे तक खुले रहेंगे। दिल्ली में भी महंगे अंतरराष्ट्रीय कपड़ों के ब्रांड के शोरूम घोषणा के बाद आधी रात तक खुले रहे थे। इन स्टोर्स ने तीन घंटे से भी कम समय में 15 लाख डॉलर से ज्यादा की बिक्री कर दी थी।

52 हजार रु क् दाम पर सोना खरीदा
वहीं कई ग्राहक ऐसे भी थे जिनके लिए कहा जा रहा था कि उन्होंने दोगुने दामों पर सोना खरीदा और पुराने नोटों को ठिकाने लगाया। जिन ज्यूलर्स ने 8 नवंबर को दुकान बंद भी रखी थी उन्होंने भी कुछ घंटों में दुकान खोल ली। दिल्ली और मुंबई में काले धन वालों को कैश के बैग के साथ ज्यूलरी शॉप के बाहर खरीददारी के लिए लाइन लगाए हुए देखा गया था। जानकारी के मुताबिक उस रात ग्राहकों ने 52 हज़ार रुपए प्रति दस ग्राम के हिसाब से सोना खरीदा जो कि मौजूदा रेट से दोगुना था।

दिहाड़ी मजदूरों और गरीबों का इस्तेमाल
ऐसे कई फैक्ट्री मालिक और व्यापारियों की खबरें सामने आई हैं जो 30 दिसंबर तक अपना पैसा बदलवाने के लिए अपने स्टाफ या दिहाड़ी मजदूरों को बैंकों की लाइनों में खड़ा कर रहे हैं। शुरुआत में काउंटर से पैसे बदलने की सीमा 4 हज़ार थी जिसे बाद में कम करके 2 हज़ार कर दी गई क्योंकि ऐसी शिकायतें सामने आ रही थीं कि कुछ 'अनैतिक तत्व' अपना पैसा बदलने के लिए गरीबों को लाइनों में खड़ा कर रहे हैं।

जनधन खातों में कैश की बाढ़
उधर अधिकारियों का कहना है कि नोटबंदी के बाद महीनों से खाली पड़े जनधन खातों में रुपए जमा होने लगे। सभी जन धन खातों में बीते दिनों जमा किए गए नकद पर नज़र रखी जा रही हैं। यह खाते सरकार के द्वारा गरीब लोगों के लिए खोले गए थे ताकि वह भी वित्तीय व्यवस्था में शामिल हो सकें। इन कई अकाउंट में एक ही दिन में हजारों रुपए जमा किए जाने की सूचना है। स्थानीय मीडिया ने भी बताया है कि कुछ भ्रष्ट लोग गरीबों को उनके जनधन अकाउंट का किराया पर लेकर उसमें पैसा डाल रहे हैं ताकि उसे बाद में निकाला जा सके।

रेलवे टिकट की बुकिंग
अपने काले धन का इस्तेमाल करने के लिए कई लोगों ने कई महीने आगे के लिए कैश में रेलवे के टिकट बुक कराने शुरू कर दिए। गौरतलब है कि रेलवे ने कहा था कि एक तय समय सीमा तक टिकट बुक करने के लिए पुराने नोट लिए जाएंगे। ऐसे में पुराने नोटों के साथ ज्यादातर एडवांस टिकटों को बुक करवाया गया ताकि बाद में उन्हें रद्द करवाया जा सके और बदले में नए नोट मिल पाएं।

भगवान को चढ़ावा और दान में इजाफा
नोटबंदी की घोषणा के बाद जब लोगों को यह काला धन ठिकाने लगाने का कोई उपाय नहीं सूझा तो उन्होंने इसे धार्मिक स्थानों पर दान देना शुरू कर दिया। कई मंदिरों से ऐसी सूचना आई थी कि लोगों ने भारी मात्रा में 500 और 1,000 के पुराने नोटों का चढ़ावा दिया है।

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