फिर रूलाने की तैयारी में प्याज

Edited By ,Updated: 05 Feb, 2017 11:05 AM

onion incoming fall

राजधानी की मंडियों में राजस्थान और हरियाणा से लोकल प्याज की आवक में कमी के कारण अगले महीने से प्याज की थोक कीमत में वृद्धि हो सकती है।

नई दिल्ली: राजधानी की मंडियों में राजस्थान और हरियाणा से लोकल प्याज की आवक में कमी के कारण अगले महीने से प्याज की थोक कीमत में वृद्धि हो सकती है। इन राज्यों में प्याज की पुरानी फसल लगभग खेतों में समाप्त होने के कगार पर है। यही कारण है कि आजादपुर मंडी में प्याज की आवक पर असर देखा जा रहा है। आजादपुर मंडी में 30 जनवरी को प्याज की आवक 1375.5 टन रही लेकिन 31 जनवरी को यह गिर कर 675.7 टन पहुंच गई। 1 फरवरी को यह गिरावट 445.5 टन पर पहुंच गई।

प्याज की आवक में भारी गिरावट
मंडी में प्याज के आढ़तियों के अनुसार आवक में गिरावट का यह सिलसिला गत 10 दिनों से ही शुरू हो गया था। इस दौरान 24, 25 और 28 जनवरी को छोड़ दें तो अन्य दिनों में 400 टन भी आवक नहीं रही। 27, 23 व 21 जनवरी को भी प्याज की आवक में भारी गिरावट देखी गई। आढ़तियों के अनुसार मंडी में इन दिनों प्याज की आवक गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक के अलावा राजस्थान व हरियाणा से भी होती है। इनमें करीब 30 से 35 प्रतिशत प्याज की आवक राजस्थान व हरियाणा के लोकल प्याज की होती है। हालांकि यहां के प्याज आकार और गुणवत्ता के लिहाज से महाराष्ट्र आदि राज्यों की तुलना में कमतर होते हैं जिस कारण इसकी कीमत भी कम होती है लेकिन मंडी में रोजाना खपत में इन राज्यों के प्याज की मांग भी होती है। खुदरा बाजारों में यहां के प्याज के खरीदारों का भी बड़ा तबका है लेकिन अब इन राज्यों के खेतों में लगी फसल लगभग खत्म हो चुकी है। ऐसे में अगले कुछ दिनों में मंडी में यहां के प्याज की आवक नहीं के बराबर रह जाएगी।

उत्पादन 197.13 लाख टन होने का अनुमान
कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक इस साल यानी 2016-17 के दौरान देश में प्याज का उत्पादन 197.13 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल देश में 209.31 लाख टन प्याज का उत्पादन हुआ था। दरअसल एक साल से देश में प्याज की कीमतों में भारी गिरावट बनी हुई है। कई जगहों पर प्याज किसानों को उनकी लागत भी नहीं मिल पाई है। कम भाव होने की वजह से इस साल देश में प्याज किसानों ने इसकी खेती को घटाया है जिस वजह से उत्पादन में कमी का अनुमान है। कृषि मंत्रालय के मुताबिक इस साल देश में 11.88 लाख हैक्टेयर में प्याज की खेती हुई है जबकि पिछले साल देश में 13.20 लाख हैक्टेयर में प्याज की फसल लगी थी।

किसानों ने घटाई खेती
सालभर से देश में प्याज की कीमतों में भारी गिरावट की वजह से इस साल किसानों ने इसकी खेती घटा दी है जिस वजह से देश में प्याज की पैदावार पिछले साल के मुकाबले करीब 12 लाख टन घटने का अनुमान लगाया जा रहा है। बागवानी फसलों के लिए कृषि मंत्रालय की ओर से 2016-17 के लिए जारी पहले अग्रिम अनुमान से यह जानकारी मिली है।

कोल्ड स्टोरेज में रखे प्याज पर ही निर्भर
प्याज के आढ़ती सुरेंद्र बाबू बुद्धिराजा के अनुसार हरियाणा व राजस्थान से प्याज की आवक कम होने लगी है। ऐसे में महाराष्ट्र व गुजरात के कोल्ड स्टोरेज में रखे प्याज पर ही निर्भरता बनी रहेगी क्योंकि इन दोनों राज्यों से नई फसल की आवक सितम्बर-अक्तूबर से पहले नहीं हो सकेगी जिस कारण प्याज की थोक कीमत में 1 से 3 रुपए की तेजी आ सकती है। मौजूदा समय में प्याज अधिकतम थोक में 10 रुपए से न्यूनतम 4 रुपए किलो है।

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