परवान चढ़ी उम्मीदें, जानिए क्या रही GST रिटर्न की स्थिति

Edited By Punjab Kesari,Updated: 30 Dec, 2017 10:05 AM

the status of gst returns

इस साल देश का सबसे बड़ा कर सुधार जी.एस.टी. लागू किया गया। वित्त मंत्री को यकीन है कि जनवरी के बाद शायद जीएसटी वसूली में बढ़ौतरी होगी। पहले 6 महीने में जी.एस.टी. कलैक्शन में भारी उतार-चढ़ाव तो हुआ हैै, पर साथ ही उम्मीदें भी परवान चढ़ती दिख रही हैं।

जालंधरः इस साल देश का सबसे बड़ा कर सुधार जी.एस.टी. लागू किया गया। वित्त मंत्री को यकीन है कि जनवरी के बाद शायद जीएसटी वसूली में बढ़ौतरी होगी। पहले 6 महीने में जी.एस.टी. कलैक्शन में भारी उतार-चढ़ाव तो हुआ हैै, पर साथ ही उम्मीदें भी परवान चढ़ती दिख रही हैं।

टैक्स वसूली में गिरावट
नवम्बर में जी.एस.टी. (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) की वसूली 6 माह में सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है। सरकार के लिए यह फिक्र की बात हो सकती है। जुलाई के बाद से वसूली कम ही होती जा रही है। जुलाई में 92,283 करोड़ रुपए कलैक्शन पहुंचने के बाद सरकार को उम्मीद थी कि जैसे-जैसे जी.एस.टी. के बारे में जानकारी बढ़ेगी तब वसूली बढ़ेगी, लेकिन अब तो उलटा हो गया है। जुलाई-अगस्त-सितम्बर में 90,000 से 92,000 करोड़ के बीच झूलने के बाद अक्तूबर में 10 हजार करोड़ रुपए की कमी और नवम्बर में तो वसूली और घटकर 80 हजार करोड़ तक फिसल गई है। आंकड़े चिंतित करने वाले हैं लेकिन सरकार और जानकार दोनों कह रहे हैं कि इससे ज्यादा फिक्र नहीं करनी चाहिए।

सरकार को लगेंगे डबल झटके
इसमें कोई शक नहीं कि जी.एस.टी. वसूली में उतार-चढ़ाव सरकार के लिए सिरदर्द बन गए हैं। केंद्र सरकार को अपने खजाने के साथ राज्यों के खजाने की भी चिंता करनी है। अगर वसूली कम होती है तो डबल झटके सरकार को लगेंगे। एक तो उसे अपने खर्चों के लिए रकम जुटानी होगी, दूसरे राज्यों को मुआवजा भी देना पड़ सकता है। वित्त मंत्री को यकीन है कि जनवरी के बाद शायद जी.एस.टी. वसूली में बढ़ौतरी होगी।

GST को अब तक कैसा मानें 

  • अक्तूबर के मुकाबले कलैक्शन में 2500 करोड़ रुपए की कमी आई है लेकिन इससे ज्यादा परेशान होने की बात नहीं है। जी.एस.टी. काऊंसिल ने नवंबर में ही 200 आइटमों के रेट में कटौती कर दी थी। जाहिर है इसका असर दिखना था। सरकार ने अनुमान लगाया था कि इससे सालाना 20000 करोड़ रुपए का नुक्सान होगा, यानी हर महीने 1600 करोड़ रुपए इसलिए दो महीने में 2500 करोड़ रुपए की कमी से घबराने की जरूरत नहीं। 
  • अक्तूबर त्यौहारों का सीजन होता है इसलिए अक्तूबर में नवंबर के मुकाबले वसूली ज्यादा होनी ही थी। जानकारों के मोटे अनुमान के मुताबिक 88000 करोड़ रुपए के आसपास वसूली होती है तो फिक्र की बात नहीं है। उम्मीद है कि आगे वसूली बढ़ेगी।
  • जी.एस.टी. के रिटर्न भरने वालों में भी कमी आई है, लेकिन शुरूआती 6 महीनों में इतने बदलाव हुए हैं कि इसमें कोई बात अनोखी नहीं है, क्योंकि कई लोगों को इसमें छूट भी दी गई है। 57.3 लाख रिटर्न के मुकाबले अभी सिर्फ 50.1 लाख रिटर्न ही भरे जा रहे हैं, फिर भी जी.एस.टी. के नियम आसान बनाने से आगे फायदा दिखेगा। 
  • अनुमान के मुताबिक सरकार को साल भर में 10.6 लाख करोड़ रुपए की वसूली होती है तो खतरे की बात नहीं है। इस लिहाज से सरकार ने जुलाई से नवम्बर के बीच 4.41 लाख करोड़ रुपए की वसूली कर ली है।
  • सरकार के लिए अब तक कोई टैंशन की बात नहीं है लेकिन अगर इसमें और गिरावट आती है तो जरूर फिक्र बढ़ेगी।
  • जानकारों का मानना है कि दिसम्बर में भी वसूली कम हो सकती है लेकिन जनवरी से वसूली बढ़ने की उम्मीद है। 
  • सही आंकड़े जनवरी के बाद ही पता चलेंगे क्योंकि कॉम्पोजिशन स्कीम का फायदा उठाने वाले तिमाही रिटर्न भरेंगे और टैक्स भी तभी भरेंगे, ऐसे लोग करीब 15.1 लाख हैं। 

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