Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Jul, 2017 02:43 PM
अगर आप सितम्बर में कहीं घूमने का प्लान बना रहे है तो, ये खबर आपको झटकी दे सकती है। इंडियन रेलवे अपने पैरों पर खड़े होने के लिए लगातार कदम
नई दिल्लीः अगर आप सितम्बर में कहीं घूमने का प्लान बना रहे है तो, ये खबर आपको झटका दे सकती है। इंडियन रेलवे अपने पैरों पर खड़े होने के लिए लगातार कदम उठा रहा है। इसीलिए उसने अपनी आय बढ़ाने के लिए नई योजनाएं बनाई है। माना जा रहा है कि इस कड़ी में सबसे पहले रेलवे सितंबर से धीरे-धीरे यात्री किराया बढ़ा सकता हैं, साथ ही, रेलवे ने हाल में आय बढ़ाने के लिए कई नई कंपनियों से माल-ढुलाई के लिए करार किए है।
प्रधानमंत्री कार्यालय रेलवे को यात्री किराए में बढ़ोतरी के लिए मंजूरी दे चुका है। इसीलिए माना जा रहा है सितंबर में रेलवे इस पर फैसला ले सकता है। जानकारी के मुताबिक, रेलवे ने दो बड़ी सीमेंट मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के साथ करार किया है, साथ ही, 10 कंपनियों के साथ जल्द कॉन्ट्रैक्ट पर साइन हो सकते है।
रेलवे टिकट पर देता है बड़ी सब्सिडी
रेलवे को पैसेंजर किराए में घाटा होता है और इस पर तकरीबन 43 फीसदी सब्सिडी दी जाती है। इसका सीधा सा मतलब यह हुआ रेलवे को किसी भी टिकट पर सौ रुपए के खर्च पर सिर्फ 57 रुपए की कमाई होती है, इस वजह से रेलवे पर लगातार आर्थिक दबाव बना रहता है इससे छुटकारा पाने के लिए रेलवे लगातार कोशिश कर रहा है।
रेलवे को होता है सालाना 3500 करोड़ का घाटा
यात्री किराया में मिलने वाली सब्सिडी से रेलवे को सालाना लगभग 3500 करोड़ रुपए का घाटा होता है. घाटे की दूसरी वजह बुजुर्गो, महिलाओं, सैनिकों, विकलांगों, खिलाड़ियों आदि को मिलने वाली रियायत है। इसे समाप्त करना भी आसान नहीं है। सबसे ज्यादा 1375 करोड़ रुपए सिर्फ वरिष्ठ नागरिकों को दी जाने वाली सब्सिडी का सालाना बोझ उठाना पड़ता है।