Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Dec, 2017 08:39 AM
शहर के सैक्टर-38 के महिला भवन में मेयर आशा जसवाल ने 12.50 लाख की लागत से पहले महिला जिम का शुभारंभ किया।
चंडीगढ़(राय) : शहर के सैक्टर-38 के महिला भवन में मेयर आशा जसवाल ने 12.50 लाख की लागत से पहले महिला जिम का शुभारंभ किया।
इस मौके पर मेयर ने कहा कि जो महिलाएं आम जिमों में पुरुषों की मौजूदगी के बीच खुद को असहज महसूस करती हैं, उन्हें स्वास्थ वातावरण इस जिम में मिल सकेगा। मेयर ने कहा कि जिम की सुविधाओं का लाभ तीने महीने के लिए 500 रुपए मैंबरशिप फीस देकर उठाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि महिला जिम का संचालन महिला ट्रैनर करेंगी। इस जिम का शहरभर से कोई भी महिला लाभ उठा सकेगी।
शिकायत केंद्र जल्द होगा स्थापित :
महिला भवन में जल्द ही शिकायत केंद्र स्थापित किया जाएगा। इसमें निगम और पुलिस के बीच तालमेल बिठाया जाएगा। महिला शाक्तिकरण के नाम पर पहले महिला जिम के इस शुभारंभ समारोह की हवा भी इसलिए निकलती दिखाई जब इससे से अधिकतर महिला पार्षदों ने खुद को किनारे ही रखा। समारोह में चंद्रवती शुक्ला और मनोनीत पार्षद शिप्रा बंसल ही दिखाई दी।
महिला भवन का निर्माण करवाकर भूला निगम :
पूर्व मेयर हरजिंद्र कौर के महत्वकांक्षी प्रोजैक्ट के रूप में वर्ष 2009 में 4 करोड़ से तैयार किया गया था। तब से यह भवन खाली ही है। निगम द्वारा इसका उपयोग न किए जाने के चलते प्रसासन ने भी इसे टेकओवर करने की योजना बनाई थी पर निगम ने इसे देने से इंकार कर दिया। पूर्व कांग्रेसी मेयर पूनम शर्मा ने वर्ष 2015 में इस पर 13.18 करोड़ रुपए खर्च कर इसकी रेनोवेशन कराई व इसके सदुपयोग की कई योजनाएं भी बना डाली।
महिला भवन का निर्माण निगम ने 2009 में शुरू किया था। भवन में 280 सीट्स के ऑडिटोरियम के अतिरिक्त एग्जिबिशन हॉल, लाइब्रेरी, किचन, पैंट्री, डाइनिंग हॉल, जिम आदि का निर्माण किया गया है। यहां पर फाइनैंशियल लिटेरसी एंड काऊंसलिग सैंटर, सैंटर फॉर वूमैन काऊंसलिंग फार वूमैन एवं चिल्र्डन व एच.आई.वी. हैल्पलाइन, वूमैन इम्पावरमैंट व मल्टीमीडिया सैंटर विद वाईफाई एंड कंप्यूटर सैंटर फॉर वूमैन आदि शुरू करने की योजना भी बनाई थी।
इसके साथ ही ओडिटोरियम को सिविल सोसायटी, शिक्षण संस्थानों व राजनीतिक कार्यक्रमों के लिए एक दिन के लिए 10 हजार रुपए के किराए पर देने, महिला कलाकार को यहां पर अपने उत्पादों व कलाकृतियों की एग्जीबिशन लगाने की सुविधा भी प्रदान करना था। इसका उद्घाटन करने के बाद वह भी भूल गई। उसके बाद अरुण सूद मेयर बने व उन्होंने भी इस भवन के सदुपयोग के वायदे किए पर बाद में भूल गए।