Edited By Punjab Kesari,Updated: 17 Sep, 2017 09:37 AM
शहर में संपत्ति को लीज होल्ड से फ्री होल्ड में करवाने की सुविधा उपलब्ध तो करवा दी गई पर इसके लिए जो दरें तय की जा रही हैं वह शायद ही आम आदमी की पहुंच में हों।
चंडीगढ़(राय) : शहर में संपत्ति को लीज होल्ड से फ्री होल्ड में करवाने की सुविधा उपलब्ध तो करवा दी गई पर इसके लिए जो दरें तय की जा रही हैं वह शायद ही आम आदमी की पहुंच में हों। चंडीगढ़ में संपत्ति कम से कम 99 वर्ष की लीज पर अलॉट होती है। अब इसे फ्री होल्ड में तबदील करवाने के लिए जिसे 51 से 150 वर्ग गज तक की संपत्ति के लिए अलॉटी को 7.5 प्रतिशत तक कन्वर्जन फीस अदा करनी होगी।
नए कलैक्टर रेट की नोटीफिकेशन जारी होने के बाद अब प्रशासन लीज होल्ड प्रॉपर्टी को फ्री होल्ड में कन्वर्ट करवाने का कनवर्जन शुल्क शीघ्र ही निर्धारित करेगा। गत जनवरी में प्रशासन ने कन्वर्जन शुल्क निर्धारित किया था उसमें 0-50 वर्ग गज के बीच की प्रॉपर्टी पर कोई कन्वर्जन फीस नहीं रखी गई है। जबकि 51 से 150 वर्ग गज के बीच की दर 7.5 प्रतिशत (लगभग 3 लाख रुपए), 51-250 के बीच की दर कलैक्टर रेट का 10 प्रतिशत (करीब 18 लाख रुपए), 250-350 वर्ग गज के 15 प्रतिशत (करीब 40 लाख रुपए), 351-500 वर्ग गज की प्रॉपर्टी पर कलैक्टर रेट का 20 प्रतिशत (लगभग 85 लाख रुपए) फीस के रूप में देना होगा। चंडीगढ़ को प्रशासन ने तीन जोनों में बांटा है व सभी की दरों में मामूली अंतर है।
प्रशासन दरों को गृह मंत्रालय की मंजूरी के लिए भेजेगा :
सूत्रों के अनुसार संभवत: प्रशासन इन्हीं दरों को ही केंद्रीय गृह मंत्रालय की मंजूरी के लिए भेजेगा। आवासीय संपत्ति को लीज होल्ड से फ्री होल्ड करने पर पिछले 3 साल से रोक लगी थी। प्रशासन के अफसरों ने वर्ष 2013 में यह कहकर फ्री होल्ड करने पर रोक लगा दी थी कि प्रशासन इसके लिए नई दरें तय कर रहा है। अब कलैक्टर रेट में मामूली कटौती और कन्वर्जन फीस में 40 गुना तक वृद्धि के फैसले के बाद लोग अपनी संपत्ति को फ्री होल्ड में तबदील करवा सकते हैं।
हालांकि सांसद किरण केर ने इसे अपनी सबसे बड़ी उपलब्धि करार दिया व कहा कि वर्ष 1996 से तो दरें बढ़ी ही नहीं अत: अब जो बढ़ौतरी हुई है उससे जनता खफा नहीं है। इसके विपरीत कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व सांसद पवन कुमार बंसल का कहना था कि लीज टू फ्री होल्ड के नाम पर शहरवासियों से करोड़ों रुपए वसूले जाएंगे।
उधर प्रशासन का कहना है कि मार्कीट रेट को देखकर ही व्यावसायिक निजी और औद्योगिक इकाइयों की कन्वर्जन दरें तय होंगी। वर्तमान में, शहर के कई क्षेत्रों में कलैक्टर दरों वास्तविक संपत्ति दर से अधिक है। प्रस्तावित कन्वर्जन दरें अभी तक गृह मंत्रालय द्वारा मंजूर नहीं की गई हैं। चंडीगढ़ के लोगों की मांग रही है कि नई दरों को पंजाब के पैटर्न पर तय किया जाना चाहिए जो कि 20 रुपए प्रति वर्ग यार्ड है।