रेहड़ी फड़ी वालों का सर्वे करने के बाद भी निगम को नहीं मिला कोई लाभ

Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Jun, 2017 09:46 AM

no benefit received by the corporation after survey of rehdi

नगर निगम ने शहर में स्ट्रीट वैंडर एक्ट के तहत रेहड़ी फड़ी वालों का सर्वे तो कर दिया है पर उससे होने वाली आय से अभी तक निगम को कुछ लाभ नहीं हो पाया है।

चंडीगढ़ (राय): नगर निगम ने शहर में स्ट्रीट वैंडर एक्ट के तहत रेहड़ी फड़ी वालों का सर्वे तो कर दिया है पर उससे होने वाली आय से अभी तक निगम को कुछ लाभ नहीं हो पाया है। मामला अब प्रशासन के चीफ आर्किटैक्ट के पास लंबित है। इस बारे में कोई फैसला लेने को टाऊन वैंडिंग कमेटी है पर उसकी 2 माह से कोई बैठक नहीं हुई है। निगम इस मामले में ढील बरत रहा है। पता चला है कि इस मामले में चीफ आर्किटैक्ट का कोई लेना देना नहीं है, बल्कि कमेटी को भी अधिकार है कि वो इस संबंधी कोई फैसला ले सकती है। जिस उद्देश्य से निगम ने इन रेहड़ी फड़ी वालों का सर्वे करवाया था वह भी अभी तक पूरा नहीं हुआ है। 

 

निगम ने इन्हें वैंडिंग जोन बनाकर इन्हें लाइसैंस बनाकर देने थे लेकिन अभी तक जोन ही नहीं बने हैं। लाइसैंस देने की बात सदन की बैठक में निगम कमिश्नर ने कही थी, ताकि इनसे वसूली जाने वाली फीस से निगम को राजस्व आना शुरू हो सके, लेकिन पार्षदों की दखलअंदाजी के कारण इन लोगों को लाइसैंस देने की बात पर भी रोक लग गई, ऊपर से निगम को आने वाले राजस्व से भी निगम महरूम है। निगम सूत्रों के अनुसार निगम खुद टाऊन वैंडिंग कमेटी की अब तक कर वैंडिंग जोन बनाने में कोई फैसला ले सकता है लेकिन अभी तक निगम की ओर से ऐसा कुछ नहीं किया जा रहा।  


 

नगर निगम को प्रतिमाह 4 करोड़ रुपए का हो रहा नुक्सान
रेहड़ी फड़ी वालों के लिए स्ट्रीट वैंडर एक्ट के तहत उन्हें बिठाने के लिए बनाए जाने वाले जोन के अभी तक नहीं बनाने से नगर निगम को प्रतिमाह लगभग 4 करोड़ रुपए का घाटा हो रहा है। सर्वे के बाद निगम को इन रेहड़ी फड़ी वालों से जो प्रतिमाह फीस ली जानी थी वो प्रतिमाह 4 करोड़ रुपए के आसपास आंकी गई थी लेकिन निगम द्वारा अभी तक इस मामले को लटकाने से निगम इन पैसों से वंचित है। 

 

निगम ने जिस एजैंसी को यह काम सौंपा था उसने वैंडिंग जोन बनाकर प्रशासन को दे दिए थे लेकिन प्रशासन ने उन्हें स्वीकृति नहीं दी और सैक्टर-17, 19 व 22 को वैंडिंग जोन से बाहर रखने को कहा। निगम ने पिछली सदन की बैठक में सदन की विशेष बैठक बुलाकर इस संबंधी कोई फैसला लेने की बात कही थी लेकिन निगम ने स्टडी टूर की रिपोर्ट पेश करने के लिए विशेष बैठक बुला ली लेकिन जिससे निगम को करोड़ों का रैवेन्यू आना है, उस बारे कोई बैठक नहीं बुलाई।  


 

निगम ने कहा था वैंडरों को मार्च तक लाइसैंस जारी कर दिए जाएंगे
देखा जाए तो स्ट्रीट वैंडर एक्ट के तहत शहर के रेहड़ी फड़ी वालों के करवाए गए सर्वे के बाद उन्हें सैक्टरों में बैठाने के लिए जो वैंडिंग जोन बनाए गए थे, उन जोन्स को प्रशासन ने स्वीकृति नहीं दी है। इससे पहले निगम ने कहा था कि वैंडरों को गत मार्च तक लाइसैंस जारी कर दिए जाएंगे लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। स्ट्रीट वैंडरों को लाइसैंस जारी किए जाने के एवज में उनसे प्रतिमाह पैसे भी लिए जाएंगे। 

 

कमिश्नर ने कहा था कि जिन लोगों को लाइसैंस जारी किए जाएंगे उनके लिए बनाए जाने वाले जोन में सामान बेचने के लिए जगह की मार्किंग की जाएगी और वही वैंडर वहां बैठ सकेगा जिसके पास लाइसैंस होगा। अगर एक सैक्टर में ज्यादा वैंडर होंगे तो उन्हें किसी और सैक्टर में शिफ्ट किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह टाऊन प्लानर, नगर निगम और सरकार का काम है कि इन्हें कहां बिठाना है।             


 

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