Edited By ,Updated: 27 Jul, 2016 09:02 AM
गवर्नमैंट माडल हाई स्कूल सैक्टर-22 में अडल्ट एजुकेशन विभाग द्वारा अभी तक कमरों को खाली नहीं किया गया है लेकिन दूसरी और कई साल से सिटीजन वैल्फेयर एसोसिएशन ने कमरे में कब्जा जमाया हुआ है। इसके अलावा स्कूल में मुर्गीखाना भी खुला हुआ है। स्कूल में दिन...
चंडीगढ़, (आशीष) : गवर्नमैंट माडल हाई स्कूल सैक्टर-22 में अडल्ट एजुकेशन विभाग द्वारा अभी तक कमरों को खाली नहीं किया गया है लेकिन दूसरी और कई साल से सिटीजन वैल्फेयर एसोसिएशन ने कमरे में कब्जा जमाया हुआ है। इसके अलावा स्कूल में मुर्गीखाना भी खुला हुआ है। स्कूल में दिन के समय आधा दर्जन मुर्गियां घूमती हुईं भी नजर आती हैं।
शिक्षा विभाग ने की कार्रवाई
उल्लेखनीय है कि कुछ महीने पहले सैक्टर-22 के निवासियों ने शिक्षा विभाग में शिकायत दी थी कि उनके कुछ कमरों में अडल्ट एजुकेशन विभाग के कार्यालय चल रहे हैं जिस कारण शाम के दौरान स्थानीय बच्चों को भी नहीं खेलने दिया जाता। इसके बाद शिक्षा विभाग ने कार्रवाई करते हुए अडल्ट एजुकेशन को कमरों को खाली करने के निर्देश दिए थे।
पढ़ाई के अलावा अन्य गतिविधि नहीं हो सकती
प्रशासन की तरफ से प्राइवेट स्कूलों को सख्त हिदायत है कि स्कूलों में पढ़ाई के अलावा अन्य कोई भी गतिविधि नहीं हो सकती। यदि पढ़ाई के अलावा अन्य कोई गतिविधि होती है तो उस बिल्डिंग को वाइलाज के अंतर्गत लिया जाएगा।
ऐसे में यदि सरकारी स्कूलों के अंदर भी ऐसी गतिविधियां होती हैं तो प्रशासन क्या करेगा। अभी भी जी.एम.एच. स्कूल सैक्टर-22 के एक कमरे में सिटीजन वैल्फेयर एसोसिएशन का कार्यालय चल रहा है।
अडल्ट एजुकेशन की टाइमिंग के कारण बच्चों को मैदान में खेलने में आती परेशानी
अडल्ट एजुकेशन ऑफिस की टाइमिंग सुबह 9 से शाम के 5 बजे तक रहती थी। कई बार यह समय बढ़ भी जाता था और जब तक आफिस बंद नहीं होता था उस समय के दौरान बच्चों को मैदान में खेलने की अनुमति नहीं थीं।
जिला शिक्षा ऑफिस का भी है कमरा
स्कूल में अडल्ट एजुकेशन के अलावा सिटीजन वैल्फेयर एसोसिएशन और उसके बाद जिला शिक्षा आफिस का भी कमरा है। हालांकि जिला शिक्षा कार्यालय के लिए सैक्टर-19 में अलग से कार्यालय बन जा चुका है। ऐसे में स्कूल के अंदर यदि तीन-तीन विभाग और सोसायटी काम कर रही है तो वहां पर शिक्षा का स्तर गिरेगा ही।
पढऩे का स्थान या मुर्गीखाना
जी.एम.एच.एस.-22 में जहां बच्चों को पढ़ाने का कार्य किया जाता है, वहीं स्कूल परिसर में आधा दर्जन मुर्गीया घूमती नजर आती हैं। वहीं आवारा कुत्ते भी स्कूल परिसर में घूमते देखे जा सकते हैं।