Edited By ,Updated: 06 Dec, 2015 11:21 AM
अर्थसम्पत् प्रकृतिसम्पदं करोति।
जहां लक्ष्मी
अर्थसम्पत् प्रकृतिसम्पदं करोति।
जहां लक्ष्मी (धन) का निवास होता है वहां सहज ही सुख-सम्पदा आ जुड़ती है।
जिस राजा का राजकोष धन-धान्य से भरपूर होता है उसकी प्रजा भी सहज और स्वाभाविक रूप से सम्पन्न हो जाती है। हर तरह का सुख-वैभव उसे प्राप्त हो जाता है।