Edited By ,Updated: 07 Mar, 2015 02:07 PM
प्रत्येक मनुष्य के जीवन में सुख और दुख आते-जाते रहते हैं। इन पर किसी व्यक्ति का बस नहीं चलता। अच्छे कर्म करके दुख के दिनों को सुख में परिवर्तित किया जा सकता है।
प्रत्येक मनुष्य के जीवन में सुख और दुख आते-जाते रहते हैं। इन पर किसी व्यक्ति का बस नहीं चलता। अच्छे कर्म करके दुख के दिनों को सुख में परिवर्तित किया जा सकता है।
आचार्य चाणक्य अपनी नीति के माध्यम से कहते हैं कि कोई भी काम करने से पहले ध्यान रखें की कौन सी बात आपको दुख दे सकती है। इस बात का ध्यान रखने पर मनुष्य जीवन में मनचाही सफलता हासिल कर सकता है और सरलता पूर्वक मनचाहे लक्ष्यों की प्राप्ति कर सकता है।
यदि कोई व्यक्ति दुख के साय तले जीता है जीवन से निराश और त्रस्त रहता है और पुरूषार्थ किए बिना भाग्य को कोसता रहता है ऐसे लोगों से दूरी बनाए रखें क्योंकि ऐसे लोग स्वयं के साथ दूसरे के व्यक्तित्व को भी प्रभावित करते हैं। नकारात्मक विचारधारा के व्यक्ति अपने आस-पास भी नकारात्मकता का संचार करते हैं। स्वयं के साथ दूसरे के जीवन को भी अंधकार में धकेलते हैं।