घर के आभामंडल पर बुरा प्रभाव डालती है नकारात्मक ऊर्जा

Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Nov, 2017 03:54 PM

negative energy influences the homes atmosphere

प्रत्येक व्यक्ति का अपना एक अलग आभामंडल होता है। अर्थात हमारे शरीर के आसपास रहने वाली अदृश्य ऊर्जा। यह ऊर्जा समाज और घर-परिवार में हमारी अच्छी या बुरी छवि को निर्मित करती है।

प्रत्येक व्यक्ति का अपना एक अलग आभामंडल होता है। अर्थात हमारे शरीर के आसपास रहने वाली अदृश्य ऊर्जा। यह ऊर्जा समाज और घर-परिवार में हमारी अच्छी या बुरी छवि को निर्मित करती है। जिस प्रकार इंसान का आभामंडल होता है, ठीक उसी प्रकार घर का भी आभामंडल होता है। यदि घर का आभामंडल सकारात्मक और शुभ होगा तो समस्याओं से मुक्ति मिल सकती है परंतु यदि घर में नकारात्मक ऊर्जा रहेगी तो आभामंडल भी बुरा असर दिखा सकता है। इस वजह से घर में ऐसी बातों का ध्यान रखना चाहिए, जिससे घर के आभामंडल से हमें भी सकारात्मक ऊर्जा मिलती रहे।

 


यदि घर में कोई वास्तु दोष होता है तो नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है। तो जानिए ऐसी छोटी-छोटी बातें जो आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाने में उपयोगी मानी जाती हैं।

 

घर का प्रवेश द्वार सदैव साफ रखना चाहिए। प्रवेश द्वार पर हमेशा पर्याप्त रोशनी होनी चाहिए। ऐसा करने पर घर में सदैव सकारात्मक ऊर्जा आती है।



यदि संभव हो तो प्रवेश द्वार पर लकड़ी की थोड़ी ऊंची दहलीज बनवाएं। जिससे बाहर का कचरा अंदर ना सके। कचरा भी वास्तु दोष बढ़ाता है।

 

प्रवेश द्वार पर गणेशजी की मूर्ति या तस्वीर आदि लगाए जा सकते हैं। यदि आप चाहे तो दरवाजे पर ऊं भी लिख सकते हैं। घर के प्रवेश द्वार पर ये शुभ चिह्न बनाने से देवी-देवताओं की कृपा सदैव बनी रहती है।

 

घर के नैऋत्य कोण (दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र) में अंधेरा न रखें तथा वायव्य कोण (उत्तर-पश्चिम क्षेत्र) में तेज रोशनी का बल्ब न लगाएं।


 
घर के सदस्य परस्पर सहयोग व शांति से रहें। लड़ने-झगड़ने अथवा चिल्लाकर बोलने से आभामंडल पर बुरा असर होता है।

 

घर के आसपास यदि कोई सूखा पेड़ या ठूंठ है तो उसे तुरंत हटा देना चाहिए। वास्तु के अनुसार सूखे पेड़ या ठूंठ से घर में नकारात्मक ऊर्जा में बढ़ौतरी हो सकती है। 

 

इंटीरियर डैकोरेशन के लिए कुछ ऐसी कलाकृतियों का प्रयोग होता है जो सूखे ठूंठ या नकारात्मक आकृति के होते हैं। ये सभी मृतप्राय: सजावटी वस्तुएं वास्तु शास्त्र में अच्छी नहीं माने जाते हैं अत: इनके प्रयोग से भी बचें।

 

यदि ड्रॉइंगरूम में फूलों को सजाते हैं तो ध्यान दें कि उन्हें प्रतिदिन बदलते रहना जरुरी है। चूंकि जब ये फूल मुरझा जाते हैं तो इनसे नकारात्मक ऊर्जा निकलने लगती है।

 

किसी भी भवन के मुख्य द्वार के पास या बिल्कुल सामने बिजली के ट्रांसफार्मर लगाने से भी नकारात्मक ऊर्जा फैलाती है।

 

पुराने भवन के भीतर कमरों की दीवारों पर सीलन पैदा होने से बनी भद्दी आकृतियां भी नकारात्मक ऊर्जा का सूचक होती हैं। ऐसी दीवारों की तुरंत रिपेयरिंग करवा लेनी चाहिए।


घर जितना प्राकृतिक लगेगा उतना ही उसका आभामंडल उन्नत होगा। घर का प्राकृतिक रूप देने के लिए आस-पास पेड़-पौधे, चारों ओर खुला हुआ स्थान, दूर से दिखने वाली दीवारों पर प्राकृतिक पत्थर, गमले आदि का उपयोग करें।

 

घर की आभा को कायम रखने के लिए जरुरी है कि घर का प्लास्टर उखड़ा हुआ न हो। 

 

घर में कलर करवाते समय इस बात का ध्यान रखें कि पेंट एक सा हो। शेड एक से अधिक हो सकते हैं लेकिन शेड्स का तालमेल ठीक होना चाहिए।

 

घर के आस-पास कोई गंदा नाला, गंदा तालाब, शमशान घाट या कब्रिस्तान नहीं होना चाहिए। इस लिए घर बनवाते समय इन बातों को ध्यान में रखें क्योंकि इसेस भी आभामंडल को अधिक फर्क पड़ता है।

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