मानो या न मानो: विश्व का एकमात्र ऐसा धर्म जो है विज्ञान पर आधारित

Edited By Punjab Kesari,Updated: 10 Jul, 2017 09:54 AM

the only religion in the world that is based on science

एक गोत्र में विवाह क्यों नहीं डिस्कवरी चैनल के बीमारियों से संबंधित एक कार्यक्रम में एक वैज्ञानिक ने कहा कि जैनेटिक (अनुवांशिक) बीमारी न हो इसका एक ही इलाज है

एक गोत्र में विवाह क्यों नहीं
डिस्कवरी चैनल के बीमारियों से संबंधित एक कार्यक्रम में एक वैज्ञानिक ने कहा कि जैनेटिक (अनुवांशिक) बीमारी न हो इसका एक ही इलाज है ‘सैपरेशन ऑफ जींस’। अर्थात अपने निकटतम रिश्तेदारों में विवाह नहीं करना चाहिए क्योंकि नजदीकी रिश्तेदारों में जींस सैपरेट (विभाजित) नहीं हो पाता और जींस लिंक्ड बीमारियां जैसे हिमोफिलिया, कलर ब्लाइंडनैस और एल्बोनिज्म होने की शत-प्रतिशत संभावना होती है। सुखद आश्चर्य का विषय यह है कि सनातन हिंदू धर्म में हजारों वर्ष पहले ‘जींस’ और ‘डी.एन.ए.’ के बारे में कैसे लिखा गया? हिंदू परम्परा में कुल सात गोत्र होते हैं। एक गोत्र के लोग आपस में विवाह नहीं कर सकते, जिससे जींस  सैपरेट (विभाजित) रहे। उस वैज्ञानिक ने कहा कि आज पूरे विश्व को मानना पड़ेगा कि सनातन हिंदू धर्म ही विश्व का एकमात्र ऐसा धर्म है जो विज्ञान पर आधारित है।


कर्ण छेदन की परम्परा
भारत में लगभग सभी धर्मों में कान छिदवाने की परम्परा है। 
वैज्ञानिक तर्क : दर्शनशास्त्री मानते हैं कि इससे सोचने की शक्ति बढ़ती है जबकि डाक्टरों का मानना है कि इससे बोली अच्छी होती है और कानों से होकर दिमाग तक जाने वाली नस का रक्त संचार नियंत्रित रहता है।


माथे पर कुमकुम/तिलक
महिलाएं तथा पुरुष माथे पर कुमकुम या तिलक लगाते हैं।
वैज्ञानिक कारण :  आंखों के मध्य में माथे तक एक नस जाती है। कुमकुम या तिलक लगाने से उस जगह की ऊर्जा बनी रहती है। माथे पर तिलक लगाते समय जब अंगूठे या उंगली से दबाव पड़ता है तब चेहरे की त्वचा की रक्त संचार करने वाली मांसपेशी सक्रिय हो जाती है। इससे चेहरे की कोशिकाओं (शेल्स) तक अच्छी तरह रक्त पहुंचता है।


जमीन पर बैठ कर भोजन
भारतीय संस्कृति के अनुसार जमीन पर बैठकर भोजन करना अच्छी बात होती है।
वैज्ञानिक तथ्य : पालथी मारकर बैठना एक प्रकार का योग आसन है। इस अवस्था में बैठने से मस्तिष्क शांत रहता है और भोजन करते समय अगर दिमाग शांत हो तो पाचन क्रिया अच्छी रहती है। इस अवस्था में बैठते ही स्वयं दिमाग से एक संकेत पेट तक पहुंच जाता है कि भोजन के लिए तैयार हो जाएं।


हाथ जोड़ कर नमस्कार करना
हमारे समाज में जब किसी से मिलते हैं तो हाथ जोड़ कर नमस्कार करते हैं। 
वैज्ञानिक तर्क : जब सभी उंगलियों के शीर्ष एक-दूसरे के सम्पर्क में आते हैं और उन पर दबाव पड़ता है तब एक्यूप्रैशर के कारण उसका सीधा प्रभाव हमारी आंखों, कानों और दिमाग पर होता है, जिससे सामने वाले व्यक्ति को हम अधिक समय तक याद रख सकें। दूसरा तर्क यह है कि हाथ मिलाने (पश्चिमी सभ्यता) के बजाय यदि आप नमस्कार करते हैं तो सामने वाले के शरीर के कीटाणु आप तक नहीं पहुंच सकते।


भोजन का आरंभ तीखे से और विराम मीठे से 
जब भी कोई धार्मिक या पारिवारिक अनुष्ठान होता है तो भोजन की शुरूआत तीखे और अंत मीठे से होता है।
वैज्ञानिक तर्क : तीखा खाने से हमारे पेट के अंदर पाचन तत्व एवं अम्ल सक्रिय हो जाते हैं। इससे पाचन तंत्र ठीक तरह से संचालित होता है। अंत में मीठा खाने से अम्ल की तीव्रता कम हो जाती है। इससे पेट में जलन नहीं होती।


पीपल की पूजा
अधिकतर लोग सोचते हैं कि पीपल की पूजा करने से भूत-प्रेत दूर भागते हैं।
वैज्ञानिक कारण : इसकी पूजा इसलिए की जाती है ताकि इस पेड़ के प्रति लोगों में श्रद्धा बढ़े और उसे काटे नहीं। पीपल ही एकमात्र ऐसा पेड़ है जो रात में भी ऑक्सीजन प्रवाहित करता है।


उत्तर की ओर सिर करके सोना
कोई उत्तर की ओर पैर करके सोता है तो लोग कहते हैं कि बुरे सपने आएंगे, भूत-प्रेत का साया आ जाएगा आदि।
वैज्ञानिक तथ्य : जब हम उत्तर दिशा की ओर सिर करके सोते हैं तब हमारा शरीर पृथ्वी की चुंबकीय तरंगों की सीध में आ जाता है। शरीर में उपस्थित आयरन अर्थात लौह दिमाग की ओर संचालित होने लगता है। इससे अल्जाइमर, पार्किंसन या दिमाग संबंधी बीमारी होने का खतरा तथा रक्तचाप भी बढ़ जाता है।


सूर्य अर्घ्य (नमस्कार)
हिंदू मान्यता में सुबह उठकर सूर्य को जल चढ़ाते हुए नमस्कार करने की परम्परा है।
वैज्ञानिक तर्क : पानी के बीच से आने वाली सूर्य की किरणें जब आंखों में पहुंचती हैं तब हमारी आंखों की रोशनी अच्छी होती है।


सिर पर चोटी
हिंदू धर्म में सिर पर चोटी (शिखा) रखने की परम्परा है।
वैज्ञानिक तर्क : जिस जगह पर चुटिया रखी जाती है उस जगह पर दिमाग की सारी नसें मिलती हैं। इससे दिमाग स्थिर रहता है और मनुष्य को क्रोध नहीं आता। सोचने की क्षमता बढ़ती है।


व्रत रखना
कोई भी पूजा-पाठ या त्यौहार होता है तो लोग व्रत रखते हैं।
वैज्ञानिक तर्क : व्रत रखने से पाचन क्रिया अच्छी होती है और फलाहार लेने से शरीर का डीटॉक्सीफिकेशन होता है अर्थात उसमें से खराब तत्व बाहर निकलते हैं। शोधकर्ताओं के अनुसार व्रत करने से कैंसर का खतरा कम होता है। व्यक्ति को हृदय संबंधी रोग, मधुमेह आदि भी जल्दी नहीं लगते। 


चरण स्पर्श
हिंदू मान्यता के अनुसार जब आप किसी बड़े से मिलें तो उसके चरण स्पर्श करें। यह हम बच्चों को भी सिखाते हैं ताकि वे बड़ों का आदर करें।
वैज्ञानिक तर्क : मस्तिष्क से निकलने वाली ऊर्जा हाथों और सामने वाले पैरों से होते हुए एक चक्र पूरा करती है। इसे कॉस्मिक ऊर्जा का प्रवाह कहते हैं। इसमें दो प्रकार से ऊर्जा का प्रवाह होता है या तो बड़े के पैरों से होते हुए छोटे के हाथों तक या फिर छोटे के हाथों से बड़ों के पैरों तक।


क्यों लगाया जाता है सिंदूर
विवाहित हिंदू महिलाएं सिंदूर लगाती हैं।
वैज्ञानिक तर्क : सिंदूर में हल्दी, चूना और पारा होता है। यह मिश्रण शरीर के रक्तचाप को नियंत्रित करता है। चूंकि इससे यौन उत्तेजनाएं भी बढ़ती हैं इसलिए विधवा औरतों के लिए सिंदूर लगाना वर्जित है। इससे स्ट्रैस कम होता है।


तुलसी के पौधे की पूजा
तुलसी की पूजा करने से घर में समृद्धि आती है। सुख-शांति बनी रहती है।
वैज्ञानिक तर्क : तुलसी इम्यून सिस्टम को मजबूत करती है। यदि घर में तुलसी का पौधा होगा तो पत्तियों का भी प्रयोग होगा जिससे बीमारियां दूर होती हैं।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!