Edited By Niyati Bhandari,Updated: 04 Jul, 2025 03:30 PM

Kitchen Vastu shastra: प्राचीनकाल में रसोई घर प्राय: घर के बाहर सुविधानुसार और वास्तु सम्मत स्थान पर होता था। तब रसोईघर में इतने सुविधाजनक संसाधन भी नहीं होते थे, जो आधुनिक युग में रसोई घर में प्रयोग होते हैं। डाइनिंग हाल यानी भोजन कक्ष भी तब रसोईघर...
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Kitchen Vastu shastra: प्राचीनकाल में रसोई घर प्राय: घर के बाहर सुविधानुसार और वास्तु सम्मत स्थान पर होता था। तब रसोईघर में इतने सुविधाजनक संसाधन भी नहीं होते थे, जो आधुनिक युग में रसोई घर में प्रयोग होते हैं। डाइनिंग हाल यानी भोजन कक्ष भी तब रसोईघर से जुड़ा हुआ नहीं होता था। ऐसा होने का प्रमुख कारण यह भी था कि भूखंड का आकार प्राचीनकाल में बहुत ही बड़ा होता था लेकिन आधुनिक परिवेश में भूखंडों का आकार सीमित होने, फ्लैट सिस्टम और आधुनिक संसाधनों का प्रयोग बढ़ने से रसोईघर के आकार में वृद्धि हो गई है।

वास्तुशास्त्र के अनुसार रसोईघर और इसमें काम आने वाली वस्तुएं किस स्थान पर होना शुभ फलदायी है, इसे जानें।
रसोईघर का महत्व : रसोईघर सम्पन्नता का प्रतीक है। इसका मुख्य कारण यह है कि इसमें खाना पकाया जाता है। खाने से शक्ति और स्फूर्ति मिलती है। भोजन स्वास्थ्य की दृष्टि से अति महत्वपूर्ण है। कहावत भी है- ‘जैसा अन्न वैसा मन’ इसीलिए रसोईघर भवन का एक महत्त्वपूर्ण अंग है।

किस दिशा में हो रसोईघर : रसोईघर भवन या फ्लैट के दक्षिण-पूर्व कोने में बनाएं। उत्तर-पूर्व में रसोईघर मानसिक परेशानियां बढ़ाता है। इसके दक्षिण-पश्चिम में होने से जीवन कठिन हो सकता है। रसोईघर शयनकक्ष, पूजाघर या शौचालय के पास नहीं हो, इसका ध्यान रखें।

रसोईघर का द्वार : रसोई का दरवाजा यदि उत्तर या उत्तर-पश्चिम में हो तो उत्तम रहता है। दरवाजा चूल्हे के सामने नहीं हो। इससे ची (ऊर्जा) स्वतंत्र रूप से अंदर प्रवेश नहीं कर पाती है। चूल्हा रखने का स्लैब पूर्व दिशा की ओर हो, ताकि खाना पकाने वाले का मुंह पूर्व दिशा की ओर रहे।

गैस चूल्हा : चूल्हा ऐसी जगह रखें जिससे बाहर से आने-जाने वाले पर नजर रखी जा सके। चूल्हा पूर्व की दीवार के पास रखें, ताकि हवा व रोशनी पर्याप्त मात्रा में मिल सके।

माइक्रोवेव ओवन : माइक्रोवेव ओवन में लगातार बिजली का प्रवाह होता रहता है, इसलिए इसे दक्षिण पूर्व में रखें। इसको दक्षिण-पश्चिम में भी रख सकते हैं। यह क्षेत्र शक्ति और संबंधों का भी प्रतीक है। संबंधों में सुधार की दृष्टि से यह हितकर है।

फ्रिज : फ्रिज पश्चिमी क्षेत्र में रखें। यहां पर यह सम्पन्नता व संबंध मजबूत बनाने में सहायक रहता है।

सिंक : रसोईघर में पानी तथा चूल्हा आवश्यक तत्व हैं। जहां आग का स्थान दक्षिण-पूर्व है, वहीं पानी का स्थान उत्तर-पूर्व है। पानी का उत्तम स्थान उत्तर दिशा ही है, जो जल तत्व को दर्शाती है। आग व पानी को अलग-अलग रखना आवश्यक है। इसे एक लाइन में नहीं रखें। यदि ऐसा संभव न हो, तो बीच में दो फुट की दीवार लगा दें।
