तस्वीरें, भगवान शिव के विदेशों में बने 10 आलीशान मंदिरों की कहानी

Edited By ,Updated: 04 Oct, 2015 04:18 PM

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भारतीय संस्कृति से संबंधित देवी-देवताओं के मंदिर दुनिया भर में हैं। भगवान शिव के मंदिर लगभग भारत के हर कोने में मौजुद हैं लेकिन क्या आप जानते हैं विदेशों में भी शिव जी के ...

भारतीय संस्कृति से संबंधित देवी-देवताओं के मंदिर दुनिया भर में हैं। भगवान शिव के मंदिर लगभग भारत के हर कोने में मौजुद हैं लेकिन क्या आप जानते हैं विदेशों में भी शिव जी के खूबसूरत मंदिर स्थापित हैं। कुछ मंदिर लोगोें के लिए घूमने की जगह बन गए हैं तो कुछ आस्था और भक्ति के केंद्र। विदेशों में भगवान शिव के मंदिरों में भारतीय भक्त कंम और विदेशी भक्त अधिक हैं। आइए, आज हम आपको भगवान शिव के आलीशान मन्दिरों के बारे में जानकारी देते हैं।

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1. अरुल्मिगु श्रीराजा कलिअम्मन मंदिर- कहते हैं कि इस मंदिर का निर्माण वर्ष 1922 के आस-पास किया गया था। यह जोहोर बरु में स्थित एक प्राचीन मंदिर है। जिस भूमि पर यह मंदिर बना हुआ है, वह भूमि जोहोर बरु के सुल्तान ने भारतीयों को भेंट के रूप में दी थी। पहले पहल यह मंदिर बहुत छोटा था पर अब यह एक बड़ा  मंदिर बन चुका है। मंदिर की दीवार को 3,00,000 मोतियों से सजाया गया है। 

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2. शिवा हिन्दू मंदिर- इस मंदिर का फैलाव लगभग 4,000 वर्ग मीटर तक है।  इसमें भगवान गणेश, देवी दुर्गा और हनुमान जी की पूजा होती है। इस मंदिर में भगवान शिव पंचमुखी शिवलिंग के रूप में अपने भक्तों को दशर्न देते हैं। 

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3. मुन्नेस्वरम मंदिर- मुन्नेस्वरम मंदिर का इतिहास रामायण काल से सम्बंधित है। मान्यताओं के अनुसार, रावण को मारने के बाद भगवान श्री राम चन्द्र जी ने इसी जगह पर भगवान शिव की पूजा की थी। इस मंदिर में पांच मंदिर हैं, जिनमें से सबसे विशाल मंदिर भगवान शिव का है।  

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4. कटासराज मंदिर- कटासराज मंदिर पाकिस्तान से 40 कि.मी. की दूरी पर है। यह कटस में एक पहाड़ी पर स्थित है। महाभारत काल में भी यह मंदिर था। पांडवों की इस मंदिर से कई कथाएं जुड़ी हैं। इस मंदिर का कटाक्ष कुंड भगवान शिव के आंसुओं से बना है। इस कुंड के निर्माण के पीछे एक कथा है। कहा जाता है कि देवी सती की मृत्यु हो जाने पर  भगवान शिव के आंसुओं से दो कुंड बन गए। जिसमें से एक कुंड राजस्थान के पुष्कर   में है और दूसरा कटासराज मंदिर में। 

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5. शिवा-विष्णु मंदिर (मेलबोर्न, ऑस्ट्रेलिया)- वैसे तो इस मंदिर में बहुत से हिंदू देवी-देवता हैं लेकिन मुख्य रूप से भगवान शिव और श्री विष्णु प्रधान देव हैं। यह मंदिर करीब-करीब 1987 में स्थापित हुआ था। मंदिर का प्रारंभण कांचीपुरम और श्रीलंका के दस पुजारियों ने पूजन के उपरांत किया था। मंदिर की वास्तुकला हिन्दू और ऑस्ट्रेलियाई परंपरा का बेहतरीन नमूना पेश करती है।  

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6. शिवा मंदिर (ऑकलैंड, न्यूजीलैंड)- माना जाता है की इस मंदिर की स्थापना आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी शिवेंद्र महाराज और यज्ञ बाबा ने हिन्दू मान्यताओं के अनुसार पुराणों को ध्यान में रखते हुए करवाई थी। इस मंदिर को स्थापित करने का उद्धेश्य हिंदू धर्म के प्रति आस्था और विश्वास को बढ़ावा देना था।  2004 में यह मंदिर आम जनमानस के लिए खोला गया। 

7. शिवा विष्णु मंदिर (लिवेरमोरे, कैलिफोर्निया)- इस मंदिर को लिवेरमोरे के हिंदू मंदिरों में सबसे बड़ा मंदिर माना जाता है। उत्तर भारत और दक्षिण भारत की  वास्तुकला का यह आलीशान मिश्रण है। मंदिर में अधिकतर प्रतिमाएं 1985 में तमिलनाडु सरकार ने दान की थी। मंदिर में भगवान शिव के साथ गणेश जी, भगवती दुर्गा, भगवान अय्यप्पा, महालक्ष्मी आदि का पूजन होता है।  

8. पशुपतिनाथ मंदिर (काठमांडू, नेपाल)- पशुपतिनाथ का मतलब है संसार के सभी जीवों के भगवान। इस मंदिर का निर्माण11वीं सदी में हुअा था। 17वीं सदी में इसका पुनर्निर्माण किया गया था क्योंकि मंदिर को दीमक की वजह से बहुत नुकसान हुआ था। मंदिर में भगवान शंकर जी की चार मुंह वाली मूर्ति है। इस मंदिर में भगवान शिव तक पहुंचने के चार दरवाजे बने हैं। ये दरवाजे चांदी के हैं।  

9. शिवा टैम्पल (जुरीच, स्विट्ज़रलैंड)- यह मंदिर छोटा है पर सुंदर है। इस मंदिर में शिवलिंग के पीछे भगवान शंकर की नटराज स्वरूप में और देवी पार्वती की शक्ति रूप में मूर्तियां देखने को मिलती हैं।  शिवा टैम्पल में भगवान शिव से संबंधित सभी त्योहार धूम-धाम से मनाए जाते हैं। 

10. प्रम्बानन मंदिर (जावा, इंडोनेशिया)- प्रम्बानन मंदिर इंडोनेशिया के जावा नाम की जगह पर है। यह मंदिर 10 वीं शताब्दी में बना था। यह शहर से 17 कि.मी की दूरी पर स्थित है।

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