Edited By ,Updated: 08 Feb, 2016 01:46 PM
भारत में बहुत सारे ऐसे मंदिर हैं जिनका निर्माण किसी कुदरत के करिश्मे से कम नहींं है। कुछ ऐसे विराट और शानदार मंदिर हैं जिनका निर्माण एक रात में हुआ है लेकिन
भारत में बहुत सारे ऐसे मंदिर हैं जिनका निर्माण किसी कुदरत के करिश्मे से कम नहींं है। कुछ ऐसे विराट और शानदार मंदिर हैं जिनका निर्माण एक रात में हुआ है लेकिन इन मंदिरों की ठाठ देखने पर कोई यकीन नहीं कर सकता की यह मंदिर वर्षों में नहीं बल्कि एक रात में बने हैं। आईए जानें मंदिरों का इतिहास-
श्रीराधाकृष्ण के निजधाम वृंदावन में गोविंद देव जी का मंदिर एक रात में बन कर तैयार हुआ था। मान्यता है की दिव्य शक्तिया जब रात में इस मंदिर का निर्माण कर रही थी तो किसी ने भोर होने से पहले चक्की चलानी आरंभ कर दी तभी ये मंदिर देखने पर अधूरा सा लगता है।
झारखंड में देवघर के जो मंदिर हैं उसका निर्माण कार्य देव शिल्पी विश्वकर्मा ने एक रात में करवाया था। बैजनाथ और विष्णु मंदिर तो बहुत बड़े बने हैं लेकिन देवी पार्वती का मंदिर उन दोनों के मंदिरों से छोटा है। इतिहास के झरोखे पर दृष्टि दौड़ाने से पता चलता है की जब देवी पार्वती के मंदिर का निर्माण हो रहा था तो सुबह हो गई इसलिए यह मंदिर आज भी अधूरा है। यहां पर एक ही मुख्यद्वार है, बहुत सारे विद्वानों और इंजीनियरों ने दूसरा दरवाजा बनाने का प्रयास किया लेकिन सभी विफल रहे।
मध्यप्रदेश के मुरैना से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर कच्छवाहा वंश के राजा कीर्ति सिंह के शासन काल में पुरातन शिव मंदिर का निर्माण हुआ था। जिसका नाम ककनमठ है। लोक मान्यता है की इस मंदिर को बाबा भूतनाथ के भूतों ने गाड़े या चूने का प्रयोग किए बिना बनाया था। मंदिर में पत्थरों पर पत्थर इतनी निपुणता से सजाए गए हैं की आंधी तूफान इनका बाल भी बाका नहीं कर सकते।
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में हथिया देवाल नाम का भगवान शिव का शापित मंदिर है। कहते हैं इस मंदिर का निर्माण एक हाथ वाले शिल्पकार ने एक रात में ही कर दिया था। इसके पीछे बहुत सारी कथाएं प्रचलित हैं। इस मंदिर में शिवलिंग का अर्घा दक्षिण दिशा में है इसलिए मान्यता है की यहां पूजन करना नाशकारी है।