Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 Sep, 2017 05:16 PM
भारत में पिछले साल हुए रिफॉर्म्स से उसकी जीडीपी ग्रोथ पर भले ही निगेटिव असर हुआ है लेकिन मीडियम टर्म में तेजी दिखाई देगी
नई दिल्लीः भारत में पिछले साल हुए रिफॉर्म्स से उसकी जीडीपी ग्रोथ पर भले ही निगेटिव असर हुआ है लेकिन मीडियम टर्म में तेजी दिखाई देगी। 2020 से इसकी शुरुआत हो सकती है। भारत के ग्रोथ ट्रेंड को देखते हुए अगले 10 साल में वह दुनिया की तीसरी बड़ी इकोनॉमी हो सकता है। ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनी एच.एस.बी.सी. ने अपनी एक रिपोर्ट में यह बात कही है। एच.एस.बी.सी. के अनुसार पिछले साल हुए रिफॉर्म्स ने नियर टर्म में भारतीय इकोनॉमी की ग्रोथ को झटका दिया। लेकिन, मीडियम टर्म में इन रिफॉर्म्स से तेज ग्रोथ की उम्मीद है।
एच.एस.बी.सी. ने अपने रिसर्च नोट में कहा है कि ग्लोबल जी.डी.पी. ग्रोथ रेट अभी भले ही महज 3 फीसदी है लेकिन भारत की ग्रोथ का ट्रेंड जिस तरह है, उससे वह अगले 10 साल में जापान और जर्मनी को पीछे छोड़कर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी हो सकता है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत दो शब्दों, धीमा और रिवाइविंग के बीच फंसी हुई है। एच.एस.बी.सी. का कहना है कि भारत की ग्रोथ में इस साल और आगे फाइनेंशियल ईयर 2018 और 2019 में सुस्ती दिखाई देगी। उसके बाद फाइनेंशियल ईयर 2020 और उसके बाद के तीन साल में भारतीय इकोनॉमी अधिक आकर्षक होगी। ग्रोथ रेट के आधार पर इसे समझें तो एचएसबीसी के अनुमान के अनुसार, 2017-18 में ग्रोथ रेट पिछले साल के 7.1 फीसदी से घटकर 6.5फीसदी पर आ सकती है। 2018-19 में यह 7 फीसदी और 2019-20 में यह 7.6 फीसदी हो जाएगी। नोटबंदी के चलते भारत की जी.डी.पी. ग्रोथ रेट अप्रैल-जून र्क्वाटर में घटकर 5.7 फीसदी पर आ गई, जोकि तीन साल में सबसे कम है।