Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Nov, 2017 12:39 PM
अभी तक अलग - अलग राज्यों के बोर्ड के अनुसार विद्यार्थियों को पढ़ाई करवाई जाती थी, लेकिन आने...
नई दिल्ली : अभी तक अलग - अलग राज्यों के बोर्ड के अनुसार विद्यार्थियों को पढ़ाई करवाई जाती थी, लेकिन आने वाले समय में हो सकता है कि सारे देश में एक जैसी पढ़ाई और सिलेबस हो। इसके लिए एचआरडी मिनिस्ट्री राज्य सरकारों और स्कूल एजुकेशन बोर्ड के साथ मिलकर काम कर रही है। पहले करिकुलम करीब-करीब एक जैसा करने की कोशिश कर रहे है। एचआरडी मिनिस्ट्री के एक सीनियर अधिकारी के मुताबिक, 'सभी एजुकेशन बोर्ड इसके लिए सहमत हैं कि क्लास 12 तक करिकुलम एक जैसा रखा जाए। इसका मतलब यह हुआ कि सभी एजुकेशन बोर्ड में पढ़ रहे स्टूडेंट्स की कोर पढ़ाई एक जैसी हो। सहमति बनने के बाद अब बोर्ड्स इसके लिए काम करेंगे। उन्होंने साफ किया कि मिनिस्ट्री किसी भी एजुकेशन बोर्ड को निर्देश नहीं देगी बल्कि सहमति से यह करवाने की कोशिश होगी।
सोशल साइंस में कुछ चैप्टर्स अलग हो सकते हैं
कोशिश यह है कि शुरू में साइंस और मैथ्स का करिकुलम एक जैसा किया जाए। उसके बाद सोशल साइंस जैसे दूसरे विषयों के करिकुलम पर सहमति बनाई जाए। सोशल साइंस को लेकर कुछ हद तक राज्य संवेदनशील भी हैं क्योंकि सभी अपने राज्य से जुड़ी चीजें भी बच्चों को पढ़वाना चाहते हैं। इसके लिए कुछ अलग चैप्टर जोड़े अथवा हटाए जा सकते हैं।
स्कूल की एक्टिविटीज़ का भी होगा वेटेज
करिकुलम एक जैसा होने के बाद क्वेश्चन पेपर डिजाइन एक जैसा करने की दिशा में बढ़ा जाएगा। सभी का मानना है कि पेपर डिजाइन एक जैसा होने से स्टूडेंट चाहे किसी भी बोर्ड में पढ़ रहे हों, उनका मूल्यांकन एक तरीके से हो सके। सभी बोर्ड में एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज़ का वेटेज एक जैसा करने के लिए भी सभी तैयार हैं।