Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Sep, 2017 01:30 PM
अपने नए-नए अविष्कारों के लिए जाने जाते चीन का एक और कमाल दुनिया के लिए मिसाल बनकर सामने आया है...
बीजिंगः अपने नए-नए अविष्कारों के लिए जाने जाते चीन का एक और कमाल दुनिया के लिए मिसाल बनकर सामने आया है। बात हो रही है कभी अपनी बंजर जमीन और गरीबी के चलते खुद अपने ही देश से अलग-थलग पड़ा चीन का ‘कुबुकी डेजर्ट’ की जिस पर चीन सरकार ने सालों मेहनत और प्लानिंग के दम पर कर इस बंजर रेगिस्तान को पूरी तरह से बदल दिया है। कभी पूरे चीन में सैंडस्टार्म का कारण बनने वाला काबुकी रेगिस्तान आज अपने ‘टूरिज्म’ और ‘इंडस्ट्रियल पॉवर’ के लिए पूरी दुनिया में अपनी पहचान बना चुका है।
मंगोलिया के अंदरूनी हिस्से में पड़ने वाला काबुकी डेजर्ट चीन का 7वां सबसे बड़ा रेगिस्तान है। 1988 से पहले नेचुरल रिसोर्सेज़ की कमी के चलते यहां रहने वाले करीब 7 लाख से ज्यादा लोग गरीबी में जिंदगी बसर करने के लिए मजबूर थे। रेगिस्तान में लगातार उठते धूल के गुबारों से 800 किलोमीटर दूर राजधानी बीजिंग तक को सैंडस्टॉर्म (धूल भरी आंधी) का सामना करना पड़ता था। हालांकि 1988 में चीन की एक कंपनी ‘एलिओन रिसोर्सेज’ के आने के बाद से यहां के हालात बदलना शुरू हो गए।
रेगिस्तान की बंजर जमीन को ऊपजाउ बनाने के लिए कंपनी ने सरकार और स्थानीय लोगों के साथ मिलकर यहां स्पेशल पौधे लगाना शुरू किया। कई जगहों पर होटल और टूरिस्ट अट्रैक्शन भी बनाए गए। पर्यावरण को बचाने के लिए उठाए गए इन कदमों से रेगिस्तान के हालात काफी हद तक बदल गए। होटल और टूरिज्म बिजनेस के आने से यहां गरीबी भी खात्में की कगार पर है। कुबुकी डेजर्ट इस वक्त दुनिया का सबसे बड़ा ‘सिंगल स्टेज’ सोलर फार्म है।
इस फार्म पर करीब 6 लाख 50 हजार सोलर पैनल्स फिट हैं जो चीन को हजारों मेगावॉट बिजली दे रहे हैं। रेगिस्तान में इतने विकास के चलते स्थानीय लोगों को भी नौकरी मिली है। होटल, टूरिज्म और सोलर इंडस्ट्री के आने से काबुकी के लोग काफी तरक्की कर चुके हैं। टूरिस्ट्स के लिए जल्द ही इस रेगिस्तान में एक वर्ल्ड क्लास रिसॉर्ट भी बनाया जा रहा है। हाल ही में चीन को इन कदमों के लिए पूरी दुनिया में सराहना मिली है।