Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Nov, 2017 04:30 PM
गुजरात में सत्तारूढ भाजपा के लिए मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस से पहले टिकटों की घोषणा करना और अपने करीब 20 मौजूदा विधायकों के पत्ते काटना लगता है, भारी पड़ गया है। भाजपा के प्रदेश मुकअयालय तथा कई स्थानों पर पार्टी कार्यकर्ताओं का ही विरोध प्रदर्शन...
गांधीनगर/अहमदाबाद: गुजरात में सत्तारूढ भाजपा के लिए मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस से पहले टिकटों की घोषणा करना और अपने करीब 20 मौजूदा विधायकों के पत्ते काटना लगता है, भारी पड़ गया है। भाजपा के प्रदेश मुकअयालय तथा कई स्थानों पर पार्टी कार्यकर्ताओं का ही विरोध प्रदर्शन उग्र बनता जा रहा है। समझा जाता है कि इसी के चलते अध्यक्ष अमित शाह ने आज अहमदाबाद के थलतेज स्थित अपने आवास पर एक आपात बैठक भी बुलायी जिसमें बाकी के उम्मीदवारों पर चर्चा के अलावा मौजूदा स्थिति से निपटने की रणनीति पर भी चर्चा हुई।
भाजपा ने नौ और 14 दिसंबर को दो चरणों में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए पहली सूची में 70 और कल रात जारी दूसरी सूची में 36 यानी कुल 182 सीटों में से 106 के टिकटों की घोषणा कर दी है। अब तक एक मंत्री और संसदीय सचिव समेत कम से कम 20 निवर्तमान विधायकों के टिकट कटे हैं। मात्र एक विधायक की छुट्टी करने वाली पहली सूची के बाद तो विरोध बहुत अधिक तेज नहीं था पर करीब 19 नए चेहरे लाने वाली दूसरी सूची के बाद खासी हायतौबा मची है। कच्छ जिले के गांधीधाम के विधायक रमेश महेश्वरी के समर्थकों ने आज वहां पार्टी कार्यायल पर खूब हंगामा किया। उनके समर्थन में गांधीधाम नगरपालिका के करीब 22 भाजपा सदस्यों ने त्यागपत्र दे दिया है। इसी तरह नवसारी जिले के गणदेवी सीट पर पूर्व मंत्री मंगुभाई पटेल का टिकट कटने से उनके समर्थक भी नाराज हैं।
वडोदरा की डभोई सीट पर मौजूदा विधायक बालकृष्णभाई टिकट कटने के चलते निर्दलीय उम्मीदवार भी बन सकते हैं। पादरा बैठक पर दिनेश पटेल को प्रत्याशी बनाने से नाराज 100 कार्यकर्ताओं ने पार्टी छोड़ दी है। उधर, मंत्री शब्दशरण तड़वी के दोबारा नांदोद सीट पर प्रत्याशी बनाने के विरोध में नर्मदा जिला मुख्यालय राजपीपला में आज भी विरोध प्रदर्शन हुआ। दसक्रोई सीट पर बाबु जमना पटेल की उम्मीदवारी के विरोध में स्थानीय ठाकोर समाज के भाजपा कार्यकर्ताओं ने पार्टी छोडऩे की चेतावनी दी है।
अहमदाबाद की निकोल सीट से जगदीश पंचाल को दोबारा टिकट देने पर कुछ भाजपा कार्यकर्ताओं ने एक रैली निकाल कर विरोध प्रदर्शन किया। इसके अलावा मोरबी, वापी, अंकलेश्वर समेत अन्य स्थानों पर भी ऐसी नाराजगी दिख रही है। भाजपा के विधायक तथा संसदीय सचिव जेठा सोलंकी ने कोडीनार सीट पर उन्हें दोबारा टिकट नहीं दिये जाने की आशंका से ही कल पार्टी और विधायक पद दोनो से त्यागपत्र दे दिया था। उनके इस्तीफे की खबरें सुबह ही आयी थी पर उन्होंने इससे इंकार किया था, पर कथित तौर पर पार्टी आलाकमान के कड़े रूख और स्पष्ट संकेत के चलते उन्होंने शाम को पार्टी छोड़ दी। उनकी सीट पर उम्मीदवार की हालांकि अब तक घोषणा नहीं हुई है।
पार्टी के वरिष्ठ सांसद लीलाधर वाघेला ने भी आज अपने बेटे के लिए टिकट की मांग करते हुए ऐसा नहीं होने पर पार्टी छोडऩे की चेतावनी दे डाली है। बताया जा रहा है कि राज्य में टिकट के बंटवारे में इस बार अध्यक्ष अमित शाह की पूरी चल रही है। इस बात से पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल का खेमा कथित तौर पर नाराज है। जिन लोगों को टिकट नहीं मिले हैं उनमें से भी पूर्व मंत्री मंगुभाई पटेल, आई के जाडेजा समेत अधिकतर पटेल के करीबी बताये जाते हैं। कल भी दिन भर पार्टी के प्रदेश मुख्यालय तथा कई अन्य कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन हुए थे और रविवार होने के बावजूद आज भी ऐसा ही दृश्य देखने को मिला। उधर इस स्थिति को देखते हुए शाह ने आज वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की।
टिकटों के बंटवारे के बाद हालांकि कुछ विरोध तो आमतौर पर होता ही है पर अपने अनुशासन का दम भरने वाली भाजपा गुजरात जैसे महत्वपूर्ण चुनाव और खास कर कांग्रेस की पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति और अन्य जातीय संगठनों से लामबंदी के मद्देनजर इस पर जल्द ही नियंत्रण करना चाहेगी। पार्टी को अब भी 76 सीटों पर टिकट वितरण करना है और इनमें कई पर दावेदारी के बड़े पेंच हैं।